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निगम द्वारा कोयला फाटक से लक्ष्मी अपार्टमेंट तथा वीडी क्लॉथ मार्केट से तेलीवाड़ा चौराहा तक प्रथम चरण में मार्ग चौड़ीकरण की कार्रवाई कर रहा है। इन्हीं मार्गों को लेकर महापौर मुकेश टटवाल ने अधिकारियों के साथ अब तक हुए कार्यों की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि कोयला फाटक वाले मार्ग पर 110 मकानों में से 85 फीसदी मकान तोड़े जा चुके हैं। यहां करीब 300 मीटर नाली निर्माण की चाल भी है। वीडी क्लॉथ मार्केट वाले रोड अभी 50 फीसदी मकान ही टूट पाए। यहां देरी से मकान टूटने पर चिंता जताई गई।
सामने आया कि भवन स्वामी धीरे मकान तोड़(Demolishe) रहे हैं। इसी के बाद महापौर टटवाल ने मकान तोडऩे की अवधि 10 जून की। अधिकारियों से कहा गया कि वे भवन स्वामियों को इस अवधि में मकान नहीं तोड़ पाने पर निगम द्वारा तोडऩे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। बैठक में एमआइसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी, प्रभारी आयुक्त पवनकुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी थे।
पीएचई के काम पर नाराजगी
बैठक में चौड़ीकरण काम में पीएचई के कामकाज पर महापौर टटवाल ने नाराजगी जताई। पाइप लाइन दुरुस्त करने का काम ही समय पर नहीं हो रहा है। यहां पीएचई अधिकारी ही नहीं पहुंचते, जबकि चौड़ीकरण में पीएचई अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। ये निर्देश भी दिए
- चौड़ीकरण(Road Widening Ujjain) में आ रहे धार्मिक स्थल को रहवासी से समन्वय स्थापित करते हुए एक निर्धारित स्थल पर चबूतरा बनाकर विधि विधान से पूजा करते हुए शिफ्ट किया जाए ।
- चौड़ीकरण मार्ग पर रोड का डिजाइन संबंधित अधिकारियों के नाम, मोबाइल नंबर फ्लेक्स के माध्यम से लगाया जाए ताकि समस्या आने पर अधिकारियों के बात हो सके।
- मार्ग से मलबा उठाने की कार्रवाई तेजी से की जाए।
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निगम की लापरवाही… कैविएट के बाद चौड़ीकरण पर ले आए स्टे
शहर में चौड़ी(Road Widening Ujjain) किए जाने वाले मार्गों को लेकर नगर निगम अफसरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। निगम द्वारा चौड़े किए जाने वाले मार्गों को लेकर हाइकोर्ट में कैविएट लगाई गई है, बावजूद रविशंकर नगर मार्ग के तीन भवन स्वामी स्टे लेकर आ गए। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग प्रभारी शिवेंद्र तिवारी ने महापौर टटवाल को पत्र लिखकर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने सवाल उठाए कि जब इस मार्ग के चौड़ा किए जाने को लेकर टेंडर प्रक्रिया प्रचलित है। पहले ही कैविएट दायर की जा चुकी है तो फिर स्टे आना अधिकारियों की कहीं ना कहीं चूक है। इसमें विधि विभाग के अधिकारियों ने लापरवाही एवं असक्षमता साबित होती है। स्टे आने से मार्ग चौड़ीकरण का कार्य प्रभावित होने की पूर्ण संभावना है। महापौर से इस चूक से जुड़े सभी अधिकारी व कर्मचारी पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।