एक होंगे नियम
नगरीय विकास विभाग ने भवन और भूमि विकास संबंधी नियमों को एक करने का फैसला किया है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग मध्यप्रदेश ने यूनिफाइड भवन और भूमि विकास एक्ट का ड्राफ्ट बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए टीएंडसीपी के अधिकारी गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, नोएडा आदि विकसित क्षेत्रों का निरीक्षण कर चुके हैं। अलग-अलग राज्यों के भवन और भूमि विकास नियमों का भी अध्ययन किया जा रहा है। प्रदेश के अनुकूल और विकास को बढ़ावा देने वाले प्रावधान नए एक्ट में शामिल होंगे। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। लोगों को भवन और जमीन संबंधी संशोधित नियम समझने में आसानी होगी।
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इसलिए पड़ी जरूरत
-वर्तमान में पर्यावरण संबंधी बढ़ती समस्याओं को कम करने के लिए। -हॉरिजॉन्टल डेवलपमेंट के चलते घट रही कृषि भूमि और कट रहे वनों के चलते वर्टिकल डेवलपमेंट को बढ़ावा देने।
-भवनों में आधुनिक सुरक्षा संबंधी प्रावधान शामिल करने के लिए। -तकनीकी विकास की जरूरतों को देखते हुए भवनों में आधुनिक तकनीक और उसकी सहायक जरूरतों को शामिल करने। -ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत उद्योगों और निवेश को बढ़ावा देने।
यूनिफाइड एक्ट में इन पर फोकस
-नए बनने वाले सार्वजनिक व बहुमंजिला भवनों में अनिवार्य रूप से ईवी चार्जिंग और सोलर रूफ टॉप संबंधी मानदंड, नियम तय होंगे। -भवनों में दिव्यांग, वृद्धजनों और बच्चों की सुविधाओं संबंधी नियम शामिल होंगे। -ग्रीन बिल्डिंग के श्रेणीकरण और मापदंड और सुविधाओं संबंधी प्रावधान किए जाएंगे। -इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन का असर कम करने की व्यवस्था। -शहरों के अंदर सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट या सीबीडी विकसित करने के मापदंड।
-एफएआर के मापदंड फ्लेक्सिबल किए जाएंगे। -भवनों की प्लॉट साइज, बिल्टअप एरिया के अनुसार पार्किंग स्पेस के मापदंड। -ग्रीन स्पेस, ओपन स्पेस संबंधी मापदंड नए सिरे से बनेंगे। -आवासीय क्षेत्र में भी प्रदूषण नहीं फैलाने वाले उद्योगों को विकसित करने संबंधी नियम।
-हाईराइज भवनों के निर्माण संबंधी मापदंड तय किए जाएंगे। निम्न आय वर्ग को सस्ती दरों पर सभी जगह आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रावधान होंगे। श्रीकांत बनोठ, आयुक्त सह संचालक टीएंडसीपी मप्र का कहना है कि प्रदेश में भवन और भूमि विकास संबंधी नियमों को एक करने के लिए यूनिफाइड बिल्डिंग एंड लैंड एक्ट बनाया जा रहा है। इसका काम शुरू कर दिया गया है। इसमें भवन निर्माण में पर्यावरण संरक्षण के साथ आधुनिक तकनीक और भविष्य की जरूरतों के अनुसार नियम औरमापदंड तय किए जाएंगे।