बच्चों का अकेलापन उन्हें गलत आदतों की ओर ले जाता है। धीरे- धीरे वे गलत आदतों में शामिल होने के साथ ही नशे की गिरफ्त में आ जाते हैं। परामर्श मनोवैज्ञानिक और सलाहकार डॉ. दीप्ति सिंघल ने बताया कि पति- पत्नी के एक्सट्रा मैरिटल अफेयर के हर महीने 12 से 15 मामले सामने आ रहे हैं। मां दूसरे पुरुष के संपर्क में है, तो पिता किसी और महिला के रिलेशन में।
माता-पिता के बीच सामंजस्य
डॉ. दीप्ती सिंघल, सलाहकार और परामर्श मनोवैज्ञानिक का कहना है कि परिवार में माता-पिता के बीच आपसी सामंजस्य नहीं बनने पर इसका नकारात्मक असर बच्चों पर पड़ता है। बच्चे अपने आप में अकेलापन महसूस करने लगते हैं। उस अकेलापन को भरने के लिए उन्हें उस परिस्थिति में जो चीज ठीक लगती है। भले वह नशे की लत हो या किसी के साथ रिलेशन में जाएं। वे सारी हदों को तोडऩे को तैयार रहते हैं। वे सही और गलत में अंतर नहीं समझ पा रहे हैं। केस-1 पिता अपनी पर्सनल सेके्रटरी के संपर्क में हैं, तो मां किसी दूसरे पुरुष के साथ रिलेशन में है। ऐसे में बेटी शहर में रहने के बाद भी हॉस्टल में रह रही है। वह घर जाने को तैयार नहीं है। माता- पिता की इन हरकतों का बेटी पर इतना बुरा असर पड़ा कि वह भी अपने से करीब 10 साल बड़े युवक के साथ रिलेशन में आ गई।
केस-2 मां के साथ पिता का शुरू से ही अच्छा व्यवहार नहीं रहा। इससे मां पिता के एक रिश्तेदार के रिलेशन में आ गई। मां के रिलेशन में किसी तरह की बाधा न आए, वह शहर में रह कर पढ़ाई कर रही बेटी को त्योहार पर भी घर पर नहीं बुलाना चाहती।
केस-3 जवान बेटे ने मां को ऐसी हालत में देख लिया कि वह उस पल को किसी को बयां नहीं कर पा रहा। इससे वह अंदर ही अंदर घुटने लगा। धीरे- धीरे नशे की गिरफ्त में आ गया। उसका न तो पढ़ाई में मन लग रहा न ही कामों में। वह डिप्रेशन में आने के साथ ही उसे पैनिक अटैक आने लगा।