यह खुलासा विधानसभा में आए दो सवालों के लिखित जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार की दी गई जानकारी से हुआ। विधायक संजय उइके ने विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की स्थिति पर प्रश्न पूछा था। मंत्री की दी गई जानकारी के अनुसार, 17 सरकारी विवि में 1069 स्वीकृत पदों में से 276 असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
ग्रंथपाल के 582 में से 346 पद रिक्त
विधायक डॉ. चिंतामणि मालवीय के प्रश्न के जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने लिखित जवाब में बताया कि प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में ग्रंथपाल के 582 पद स्वीकृत हैं। इनमें 236 कार्यरत हैं। 346 पद खाली हैं। ये खाली पद आउटसोर्स या जनभागीदारी से नहीं भरे जाते हैं। अतिथि विद्वान आमंत्रित किए जाते हैं। प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों की स्थिति
विवि: स्वीकृत पद: रिक्त पद रानी दुर्गावती – जबलपुर: 74: 57 विक्रम-
उज्जैन: 85: 56 राजा शंकरशाह – छिंदवाड़ा: 100: 100 तात्या टोपे – गुना: 80: 80
पं. एसएन शुक्ला – शहडोल: 68: 44 टंट्या भील – खरगोन: 30: 30 भोज मुक्त –
भोपाल: 34: 30 एपीएस- रीवा: 35: 13 डीएवीवी – इंदौर: 73: 13 हिन्दी विवि – भोपाल: 18: 05
ग्रामोदय – चित्रकूट: 110: 63 संस्कृत -वैदिक उज्जैन: 15: 08 एमसीबी –
छतरपुर: 80: 80 रानी अवंतीबाई सागर: 80: 80 बरकतउल्ला – भोपाल: 61: 33 जीवाजी –
ग्वालियर: 58: 38
डॉ आंबेडकर – महू: 68: 63
इन विषयों को पढ़ाने वाले नहीं
–मंत्री की दी जानकारी के अनुसार, 17 विश्वविद्यालयों में 93 विषयों को पढ़ाने वाले कोई असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं हैं। –रानी दुर्गावती: अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, इतिहास, संस्कृत, समाजशास्त्र, कंप्यूटर साइंस, रसायन। –विक्रम विवि: बॉटनी, फिलोसॉफी, पर्यावरण प्रबंधन, सांख्यिकी, वाणिज्य, संस्कृत। –तात्या टोपे गुना: बीएससी, एमए, एम.कॉम, पीजीडीसीए, बी.लिब, एम.लिब। –एपीएस विवि, रीवा- व्यवसायिक अर्थशास्त्र, रूसी भाषा, मनोविज्ञान। –डीएवीवी, इंदौर: जनजातीय अध्ययन, एविएशन टूरिज्म, कृषि विज्ञान, सोशल साइंस।
–चित्रकूट ग्रामोदय: योग, समाजशास्त्र, कंप्यूटर साइंस, एग्री बिजनेस मैनेजमेंट, फ्रूट टेक्नोलॉजी।