कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस और प्रशासन ने दोषियों पर कार्रवाई करने की बजाय पीड़ित से जबरन शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करवाकर जीतू पटवारी पर एफआईआर दर्ज की। 26 जून से पहले अखबारों में छपी खबरों में पीड़ित परिवार के आरोप और उनकी पीड़ा साफतौर पर व्यक्त की गई हैं। पीड़ित के भाई का भी एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कार्रवाई नहीं होने पर परिजनों सहित आत्महत्या की चेतावनी दी गई है।
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इधर भोपाल में खुद जीतू पटवारी भी मामले में मुखर हुए। उन्होंने ऐलान किया कि गजराज लोधी से अलग से चर्चा करने का सबूत हो तो मैं तत्काल त्यागपत्र दे दूंगा। जीतू पटवारी ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को भी खुले शब्दों में चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक नुमाइंदे लिखकर रख लें- भाजपा की नौकरी करने वाले कलेक्टर-एसपी को सबक सिखाया जाएगा! बीजेपी के दबाव में दर्ज हो रहे मुकदमे याद रखे जाएंगे, जिम्मेदार सजा भी पाएंगे।