नौतपा का समय हमेशा गर्मी और सूर्य की प्रचंड तपिश के लिए जाना जाता है। इस समय सूर्य देव पृथ्वी के बहुत करीब आ जाते हैं। इससे गर्मी की तीव्रता अपने चरम पर पहुंच जाती है। नौतपा को नवतपा भी कहा जाता है। यह 9 दिनों की अवधि होती है, जो हर साल सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने पर शुरू होती है। यह एक ऐसी समयावधि होती है, जब सूर्य देव अपनी पूरी शक्ति से पृथ्वी को तपाते हैं।
क्या है नौतपा नौतपा वह समय होता है जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। इस समय सूर्य पृथ्वी के सबसे करीब होते हैं। इससे गर्मी का असर बहुत बढ़ जाता है। जब सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तब नौतपा समाप्त हो जाता है। यह 9 दिनों की अवधि होती है, जो हर साल मई या जून में आती है। लेकिन इस बार 15 दिन का यह नौतपा रहेगा।
नौतपा के दौरान इतनी गर्मी क्यों होती है? नौतपा के समय सूर्य देव पृथ्वी के बहुत करीब आ जाते हैं। इससे सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधे और तीव्र प्रभाव डालती हैं। जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होते हैं, तो इसका असर गर्मी पर पड़ता है। पंडित अशोक व्यास ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र शुक्र देव का होता है, जो सूर्य के शत्रु नक्षत्र के रूप में माना जाता है। यही कारण है कि जब सूर्य और शुक्र एक साथ आते हैं, तो गर्मी अधिक होती है।
नौतपा के दौरान बरतें ये सावधानी
- – इस दौरान शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
- – दिन के उस समय से बचें जब सूरज अपनी पूरी ताकत से चमक रहा हो। बाहर जाने की जरूरत हो तो सिर पर कपड़ा ढककर जाएं।
- – इस दौरान ठंडे पेय पदार्थ जैसे नारियल पानी, जूस आदि का सेवन करें ताकि शरीर ठंडा रहे।
- – इस मौसम में अत्यधिक शारीरिक श्रम से बचें और आराम करें।
- – अगर बाहर जाना जरूरी हो तो अधिकतर समय छांव में रहें और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।