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छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए सुनहरा अवसर, इन पदों पर होगी भर्ती, जानें… उन्होंने कहा कि इसी भटकाव से लोगों को ईश्वर के मार्ग पर ले जाने का काम विश्व वियात संत जगद्गुरुत्तम श्रीकृपालु महाराज कर रहे हैं। संत ही कृपा द्वारा हम भटके हुए जीवों का पथ प्रदर्शन करते हैं। हमें सही रास्ता दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमहाराज द्वारा वृंदावनधाम में स्थापित दिव्य प्रेम मंदिर हमारे
सनातन धर्म का पताका है। वे भारत की अमूल्य निधि वेद, शास्त्रों के ज्ञान को सरलतम रूप में जनसाधारण के समक्ष प्रस्तुत करने जैसे अद्वतीय कार्य कर रहे हैं।
साथ ही भक्ति प्रेम रस की धारा प्रवाहित करने वाले वृंदावन धाम के दिव्य प्रेम मंदिर, बरसाना धाम के कीर्ति मंदिर, श्रीकृपालु धाम मनगढ़ के दिव्य भक्ति मंदिर के अनुपमेय उपहार देने के साथ इन तीनों स्थानों पर पूर्णत नि:शुल्क चिकित्सालय नि:सहाय विधवाओं, साधुओं एवं सामान्य जनों के लिए स्थापित किया है। यह उनकी करुणा के प्रतीक है। बालिकाओं के लिए नि:शुल्क स्कूल का संचालन भी किया जा रहा है। जहां चार हजार से अधिक बच्चियां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।
भिलाई में धमेश्वरी देवी का दिव्य आध्यात्मिक प्रवचन चल रहा है। उन्होंने बताया कि वे गुरु आज्ञा से सनातन धर्म का प्रचार कर रही हैं। अपना सपूर्ण जीवन गुरुआज्ञा पालन से सनातन धर्म के प्रचार के लिए समर्पित कर दिया है। उनका कहना है कि प्रत्येक सनातनी के लिए सनातन धर्म के सिद्धांतों को जानना अत्यन्त आवश्यक है।
ओडिशा के कटक शहर की उत्कल यूनिवर्सिटी से सस्कृत में एमए. की डिग्री प्राप्तकर धामेश्वरी देवी ने कहा कि आज भौतिक जीवन में अनियंत्रित कामनाओं की पूर्ति की उधेड़बुन में हमारा युवा वर्ग तनाव से ग्रसित हो जीवन के वास्तविक लक्ष्य से दूर हो रहा है। आध्यात्मिक ज्ञान के अभाव में जीवन में वास्तविक आनंद व स्वस्थ प्रतिस्पर्धा समाप्तप्राय हो गई है। इस पर विजय पाने युवाओं को सनातन ज्ञान की आवश्यकता है। इससे वे अपने जीवन में परिवर्तन ला सकते है।