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रेल लाइन के मध्य रेल पटरी से करीब 100 से 200 मीटर की दूरी में पेड़ों को शिट किया जा रहा है। पटरी के किनारे लगे नए और पुराने पेड़ो को शिट किया जा रहा है। रेलवे की जमीन में मौजूद जिन पेड़ों को शिट किया जाना है उनमें बादाम, पीपल, बरगद, नीम, डोमर, गुलमोहर, अर्जुन, करण, ईमली, आम, जामुन, बेर आदि शामिल हैं। पेड़ों को शिफ्ट करने का प्रोसेस 6 मई से शुरू किया गया है। बारिश से पहले 131 पेड़ों को पूरी तरह से शिफ्ट कर लेने की तैयारी है। शिट करने के बाद पेड़ों पर नजर रखा जाएगा, उनका ट्रीटमेंट शुरू से किया जा रहा है। पेड़ों को खाद, पानी और ट्रीटमेंट के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान लेकर जा रहे हैं।
ट्रैक बिछाने का काम होगा दो हिस्सों में भिलाई से दुर्ग तक टाउनशिप की ओर से चौथी लाइन बिछाने की तैयारी है। इसे दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले हिस्से में भिलाई-3 से भिलाई नगर तक 8.8 किलोमीटर लंबाई और दूसरे भाग में भिलाई नगर से दुर्ग तक 2.8 किलोमीटर लंबी ट्रैक बिछाई जानी है।
मुसाफिरों को मिलेगी सुविधा चौथी लाइन बिछ जाने से मुसाफिरों को बड़ी राहत मिलेगी। गुड्स ट्रेनों की वजह से एक्सप्रेस को आउटर में खड़ा नहीं किया जाएगा। भिलाई-दुर्ग हर दिन आने वाले हजारों मुसाफिरों को इसका लाभ मिलेगा। रायपुर और दुर्ग के मध्य रेल लाइन पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ा हुआ है।
पहले दिन 5 पेड़ शिफ्ट किए। दूसरे दिन संख्या और बढ़ जाएगी। पेड़ों को ट्रैक से करीब 100 से 200 मीटर दूरी पर शिफ्ट कर रहे हैं। नेहा बंसोड, प्रोपराइटर, जेडी एंटरप्राइजेज, छत्तीसगढ़