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CG News: इस मेडिकल कॉलेज में फैकेल्टी की कमी, दूर नहीं की तो लग सकता है लाखों का जुर्माना

CG News: राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने जवाब भी दे दिया है। स्थानीय स्तर पर भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की ओर से वॉक इन इंटरव्यू और कॉन्ट्रैक्ट बेस में डॉक्टर सहित अन्य स्टाफ रखे जाने की प्रक्रिया की जा रही है।

भिलाईMay 13, 2025 / 02:54 pm

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CG News: इस मेडिकल कॉलेज में फैकेल्टी की कमी, दूर नहीं की तो लग सकता है लाखों का जुर्माना
CG News: पेंड्री में संचालित 500 सीट वाले मेडिकल कॉलेज को फैकेल्टी की कमी को दूर करने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) की ओर से नोटिस जारी हुआ है। जल्द ही फैकेल्टीज की कमी को दूर नहीं किया जाता, तो मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को एक करोड़ तक जुर्माना लग सकता है। यह समस्या प्रदेशभर के सभी कॉलेजोें में है और ज्यादातर को नोटिस भेजा गया है। रिक्वायमेंट के अनुरूप फैकेल्टी की व्यवस्था क्यों नहीं हो पा रही? इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है।

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इस संबंध में राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने जवाब भी दे दिया है। स्थानीय स्तर पर भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की ओर से वॉक इन इंटरव्यू और कॉन्ट्रैक्ट बेस में डॉक्टर सहित अन्य स्टाफ रखे जाने की प्रक्रिया की जा रही है। बॉन्ड वाले डॉक्टर के लिए भी डीएमई को यहां के जरूरत के हिसाब से रिक्वायरमेंट भेज दिया गया है।
500 सीट वाले मेडिकल कॉलेज का हाल

आंकड़ों में जानिए स्थिति

50 प्रतिशत फैकेल्टी

मेडिकल कॉलेज में स्वीकृत पद के मुताबिक 50 फीसदी भी फैकेल्टीज नहीं है। हैरत की बात यह भी कि पीजी और यूजी बांडेड फैकेल्टी महाविद्यालय में एक भी नहीं है। ऐसे में कॉलेज की पढ़ाई और अस्पताल में चिकित्सा सुविधा का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पद स्वीकृत कार्यरत खाली

प्राध्यापक 23 11 12

सह प्राध्यापक 30 15 15

सहायक प्राध्या. 50 18 32

फैकेल्टी की कमी को लेकर दिए नोटिस का जवाब भेज दिया गया है। कमी दूर करने के लिए वाक इन इंटरव्यू और कान्ट्रैक्ट बेस में प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर रखे जा रहे हैं। बॉन्ड वाले प्रोफेसरों की भी भर्ती होनी है, जिसके लिए जरूरत के मुताबिक मांग पत्र भेजा गया है।
डॉ. पंकज लुकाडीन मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव

कई विभाग भी यहां संचालित नहीं हो पा रहे

बता दें कि प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टैंड प्रोफेसर सीनियर रेसीडेंट और विशेषज्ञ डॉक्टर व अन्य स्टाफ की कमी के चलते मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के अलावा संबद्ध अस्पताल में भी चिकित्सा सुविधा प्रभावित होती है। कुछ विभाग ऐसे हैं, जिनका संचालन नहीं हो पा रहा है। गंभीर समस्या वाले मरीजों को रेफर कर दिया जाता है।
नए सत्र को लेकर चल रही तैयारी

मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए नीट यूजी की परीक्षा 4 मई को हो चुकी है। 4 जून तक रिजल्ट आने की संभावना है। इसके बाद कॉलेज में एक और नया बैच आ जाएगा। नए शिक्षा सत्र को लेकर तैयारी शुरू हो गई है, लेकिन फैकेल्टी की कमी विद्यार्थियों के लिए बड़ी समस्या बन जाती है।

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