CG Private Exam: इस तरह विभाजित होगी पढ़ाई
पंजीयन के समय कॉलेज का चुनाव करना होगा। आवेदन ऑनलाइन होगा, जिसे पूरा भरने के बाद प्रिंटआउट निकलेगा, जिसे 1 अगस्त तक उसी कॉलेज में जाकर जमा करना होगा। खास बात यह है कि पहले तक वार्षिक पैटर्न में प्राइवेट छात्र सीधे एग्जाम फार्म भरते थे और परीक्षा में शामिल होे जाते थे, लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पूरा सिस्टम बदल गया है। अब प्राइवेट छात्रों को पंजीयन के बाद एनईपी के तहत जनरल इलेक्टिव और वैल्यू एडेड विषय चुनने होंगे। हर एक कॉलेज के पास अलग-अलग वैल्यू एडेड और इलेक्टिव सब्जेक्ट्स है, जिसे विद्यार्थियों को ही कॉलेज पहुंचकर फाइनल करना होगा। इसके लिए प्राइवेट
विद्यार्थियों को 1 से 25 अगस्त तक का समय दिया गया है। बिना इसके प्राइवेट विद्यार्थी सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।
डिसिप्लनरी स्पेशिफिक कोर्स – विषयों के इस सेक्शन में विद्यार्थी अपने कोर विषय का चुनाव करेंगे। मसलन आर्ट्स यानी बीए का विद्यार्थी अपने विषय के चयन करेंगे। यह सेक्शन विभिन्न विषयों में से किसी तीन का चयन करने की आजादी देगा।
जेनरिक इलेक्टिव कोर्स – इस सेक्शन में नवप्रवेशित विद्यार्थी अपने मुख्य विषयों के साथ इंटर डिसिप्लनरी विषय भी चुन सकेंगे। मसलन बीकॉम चुनने वाला छात्र बीएससी का विषय मैथ्स भी पढ़ सकेगा। वहीं ऑटर्स के विद्यार्थियों को कॉमर्स का विषय चुनने को मिलेंगे।
एबीलिटी इनहैंसमेंट कोर्स – इसमें मुय रूप से तीन विषय होंगे। पर्यावरण, हिंदी और अंग्रेजी। इसको पहले फाउंडेशन कोर्स कहा जाता था। स्किल इनहैंसमेंट कोर्स – इस सब्जेक्ट पूल में उन विषयों को शामिल किया गया है, जिनको छात्र अपने कोर विषयों से हटकर चुन सकेगा। इसमें पब्लिक स्पीकिंग, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट, डेटा कलेक्शन।