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बाड़मेर

सूंईया महादेव: चौहटन की घाटियों में बसा 400 साल पुराना शिवभक्तों की आस्था का केंद्र, रोजाना रहता है मेले जैसा माहौल

चौहटन पहाड़ी की घाटी के बीच स्थित सूंईया महादेव मंदिर में इन दिनों रोजाना अलसवेरे से ही हर-हर महादेव और बम-बम भोलेनाथ के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। सूंईया महादेव मंदिर में रोजाना सैकड़ों भक्तजनों की आवाजाही रहती है।

बाड़मेरAug 04, 2025 / 03:01 pm

Arvind Rao

Barmer Suiya Mahadev

Suiya Mahadev Temple (Patrika Photo)

चौहटन: बाड़मेर जिला मुख्यालय से 50 किमी दूरी पर स्थित चौहटन कस्बे की पहाड़ी पर सूंईया महादेव मंदिर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए दो सुगम रास्ते बने हुए हैं। पहाड़ी की तलहटी में स्थित राजपूतों का वास से होते हुए मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं।

वहीं, डूंगरपुरीजी के मठ के पास से सूंईया महादेव मंदिर तक जाने के लिए पहाड़ी के ऊपरी रास्ते पर सीढ़ियां बनी हुई हैं। श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए ये दोनों रास्ते सुगम मार्ग हैं। वहीं, सूंईया पोषण मेले के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए यहां एक तरफा मार्ग की व्यवस्था की जाती है। मठ के रास्ते से सूंईया पहुंच दर्शन, पूजन एवं पवित्र स्नान के बाद तलहटी के मार्ग से नीचे उतरने की व्यवस्था रहती है।
Suiya Mahadev Temple

चौहटन पहाड़ी की घाटी के बीच स्थित सूंईंया महादेव मंदिर में इन दिनों रोजाना अलसवेरे से ही हर- हर महादेव और बम-बम भोलेनाथ के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। सूंईया महादेव मंदिर रोजाना सैकड़ों भक्तजनों की आवाजाही रहती है। वहीं, सावन महीने की पवित्र महिमा को लेकर यहां सोमवार को पूरे दिन श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है।


मेले जैसा माहौल


करीब चार सौ वर्ष पुराने इस सूंईया महादेव मंदिर में हजारों शिव भक्त जलाभिषेक कर सुख समृद्धि की मंगल कामनाएं करने आते हैं। राजस्थान में अरावली श्रृंखला की दूसरी सबसे बड़ी पहाड़ी चौहटन में सूंईया महादेव का मंदिर स्थित है, जहां रोजाना मेले जैसा माहौल बना रहता है। सूंईया महादेव मंदिर में बने जल कुंड के झरने में बारह मास पानी की जारी रहती है।


मंदिर जाने का रास्ता


सूंईया महादेव मंदिर जाने के लिए पहाड़ी की तलहटी राजपूतों का वास के रास्ते से करीब पांच सौ सीढ़ियां चढ़कर मंदिर जाने का रास्ता है। वहीं, डूंगरपुरी मठ के ऊपर मार्ग से पहाड़ी के ऊपर से करीब एक किलोमीटर पहाड़ी रास्ते में कहीं सीढ़ियां तो कहीं रपट बनाकर सुगम रास्ता बनाया गया है। सावन के पवित्र महीने में रोजाना इन दोनों मार्गों पर श्रद्धालुओं की रेलमपेल रहती है।


चमत्कारिक एवं आस्था की विशेष पहचान


सूंईया महादेव मंदिर चमत्कारिक एवं आस्था को लेकर विशेष पहचान रखता है। कहा जाता है कि सच्ची भावना और श्रद्धा से सूंईया महादेव की आराधना करने वाले शिवभक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है।

हाल ही में बीते 30 दिसंबर 2024 को यहां अर्द्ध कुंभ सूंईया पोषण मेला लगा था, जिसमें दस लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान का लाभ अर्जित किया था। सूंईंया महादेव मंदिर के साथ ही यहां कपालेश्वर महादेव मंदिर, डूंगरपुरी मठ के इंद्रभान तालाब, विष्णु पगलिया, धर्मराज की बेरी और चीफलनाडी के सम्मलित जल से पवित्र स्नान की विशेष महत्ता है।

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