श्रद्धा के इस ऐतिहासिक पल का आगाज़ सुबह 8:55 बजे अलखनाथ मंदिर से हुआ। इसके बाद एक-एक कर त्रिवटीनाथ, धोपेश्वरनाथ, तपेश्वरनाथ, मढ़ीनाथ, पशुपतिनाथ और अंत में बनखंडीनाथ मंदिर पर भी पुष्पवर्षा की गई। हर मंदिर पर हेलीकॉप्टर कुछ मिनट रुका और हजारों की संख्या में फूलों की बारिश कर दी। इस भव्य कार्यक्रम की शुरुआत मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल, डीआईजी अजय कुमार साहनी, डीएम अविनाश कुमार सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य की मौजूदगी में हुई।
गंगाजल लेकर हरिद्वार, कछला घाट और नजदीकी तीर्थ स्थलों से लौटे कांवड़ियों के चेहरों पर फूलों की यह बरसात किसी वरदान से कम नहीं थी। भक्तों ने आस्था और भक्ति के साथ जल चढ़ाया और शिवधुनों में खो गए। इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर शहर में भारी उत्साह देखने को मिला। लोग छतों और मंदिरों के बाहर खड़े होकर पुष्पवर्षा के इस दृश्य को अपने कैमरों में कैद करते नजर आए। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, हर चेहरा श्रद्धा और मुस्कान से भरा हुआ था।
प्रशासन ने भी इस बार कोई कसर नहीं छोड़ी। सुरक्षा से लेकर ट्रैफिक और साफ-सफाई तक हर इंतजाम चाक-चौबंद था। अधिकारियों की टीमें सुबह से ही जगह-जगह तैनात थीं ताकि कहीं कोई अव्यवस्था न हो। “ऐसा नज़ारा पहले कभी नहीं देखा। लगा जैसे भोलेनाथ खुद भक्तों पर कृपा बरसा रहे हों,” बनखंडीनाथ मंदिर के बाहर मौजूद एक श्रद्धालु की आंखें नम थीं।