प्रशिक्षित स्टाफ घर जाकर करेंगे उचित इलाज
‘होम बेस्ड पेलीएटिव केयर’ नामक योजना मुख्य रूप से कैंसर, लकवा, किडनी, हृदय व साँस रोग से ग्रसित बुजुर्ग मरीजों के लिए है। ऐसे मरीजों को उपचार और देखभाल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ एवं मेडिकल ऑफिसर घर जाकर उचित इलाज करेंगे।चिकित्सा वाहन को दिखाई हरी झंडी
मरीजों को संजीवनी योजना में उपलब्ध नि:शुल्क दवा देने के साथ दवाइयों के नियमित सेवन की प्रक्रिया भी बताएंगे। सोमवार को इस योजना का शुभारंभ करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खुशपाल सिंह राठौड़ ने चिकित्सा वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।ऐसे बनेगी मरीजों की सूची
उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राहुल डिंडोर के अनुसार जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों की सूची तैयार की जाएगी, जो असाध्य व गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं। यह सूची संबंधित ब्लॉक के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों के माध्यम से सीएचसी, पीएचसी और उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक भेजी जाएगी। इसके बाद होम बेस्ड पेलीएटिव केयर योजना के तहत चयनित मरीजों के घर पर जाकर उपचार व देखभाल की सुविधा तैयार की जाएगी।टीम गठन, रिपोर्टिंग के दिए गए निर्देश
योजना के अन्तर्गत असाध्य रोगों से ग्रसित 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के मरीजों के उपचार व परामर्श के लिए टीम गठित की जाएगी। टीम में मेडिकल ऑफिसर, नर्सिंग ऑफिसर एवं एएनएम को शामिल किया जाएगा। सभी प्रभारी बीसीएमओ को रिपोर्टिंग एवं समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं।चयन प्रक्रिया:
पात्रता मानदंडलाइलाज बीमारी।
आपकी उम्र या लिंग कोई बाधा नहीं। आवेदन प्रक्रिया
आपको योजना के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन प्रक्रिया योजना के आधार पर भिन्न हो सकती है, लेकिन आमतौर पर इसमें एक फॉर्म भरना और कुछ दस्तावेज जमा करना शामिल होता है। कुछ योजनाओं में, आपको एक चिकित्सा पेशेवर द्वारा रेफरल की आवश्यकता हो सकती है। कुछ मामलों में, आपको साक्षात्कार के लिए भी बुलाया जा सकता है।
आवेदन जमा करने के बाद, योजना के आयोजक आपके आवेदन की समीक्षा करेंगे और यह निर्धारित करेंगे कि आप योजना के लिए पात्र हैं या नहीं। यदि आप पात्र हैं, तो आपको योजना में शामिल कर लिया जाएगा और आपको घर पर देखभाल सेवाएं प्रदान की जाएंगी।