राज्य उपाध्यक्ष अपूर्वा ने कहा कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर गिरावट ने अभिभावकों, शिक्षकों और शिक्षाप्रेमी लोगों में चिंता पैदा कर दी है। गुणवत्ता में इस गिरावट के कई कारण हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, अनुकूल शिक्षण वातावरण और वैज्ञानिक मूल्यांकन प्रणाली को महत्व देने की आवश्यकता है।
उन्होंने मंत्री से नो डिटेंशन पॉलिसी No Detention Policy को समाप्त कर पहली कक्षा से ही पास-फेल प्रणाली लागू करने, सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 70,000 से अधिक रिक्त शिक्षकों के पदों को स्थायी रूप से भरने, सरकारी स्कूलों को सुसज्जित भवन, शौचालय और पेयजल सुविधाएं प्रदान करने की मांग की।