बलरामपुर जनपद के पचपेड़वा थाना क्षेत्र स्थित विमला विक्रम हॉस्पिटल, जो समाजवादी पार्टी के एक पूर्व मंत्री का निजी अस्पताल है, वहां गुरुवार रात एक महिला के साथ दरिंदगी की गई। पीड़िता अपने पति के साथ सीने में तेज दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंची थी, जिसे डॉक्टरों ने तत्काल ICU में भर्ती कर लिया।
रात की ड्यूटी पर तैनात कंपाउंडर योगेश पांडे ने महिला के परिजनों को किसी बहाने से बाहर भेज दिया और फिर उसे बेहोशी का इंजेक्शन देकर अपनी हवस का शिकार बनाया।
जब होश आया, दरिंदगी कर रहा था आरोपी
पीड़िता ने बताया कि कंपाउंडर ने उसे दो बार इंजेक्शन दिए, जिससे वह अचेत हो गई। जब होश आया, तो वह खुद को ICU में बिस्तर पर पाया, और कंपाउंडर उसके साथ अश्लील हरकतें कर रहा था। महिला ने शोर मचाया तो आरोपी घबरा गया और भाग निकला। किसी तरह हिम्मत जुटाकर महिला बाहर आई और अपने परिजनों को आपबीती सुनाई।
अस्पताल प्रबंधन ने दी धमकी और रिश्वत का लालच
जब परिजनों ने इस घटना की शिकायत अस्पताल प्रबंधन से की, तो उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई और मामले को रफा-दफा करने के लिए पैसे का लालच भी दिया गया। लेकिन महिला और उसके पति ने हिम्मत दिखाते हुए पुलिस में केस दर्ज कराया।
मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि
महिला का मेडिकल परीक्षण कराया गया, जिसमें बलात्कार की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने कंपाउंडर योगेश पांडे को गिरफ्तार कर लिया है और उससे गहन पूछताछ की जा रही है। CCTV फुटेज को भी जब्त कर लिया गया है, जिसमें पूरी वारदात कैद है।
आरोपी का बैकग्राउंड
जानकारी के मुताबिक आरोपी 15 महीनों से उसी अस्पताल में काम कर रहा था। उसका पिता नरसिंह पांडे एक झोलाछाप डॉक्टर है। आरोपी तीन भाइयों और एक बहन के साथ रहता है, उनका परिवार खेती-किसानी करता है। योगेश पांडे की शादी हो चुकी है और उसका दो साल का बेटा भी है।
पुलिस का बयान
क्षेत्राधिकारी तुलसीपुर बृजनंदन राय ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि “आरोपी कंपाउंडर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है, और CCTV फुटेज को भी जब्त किया गया है। पीड़िता को पूरी सुरक्षा दी जा रही है और दोषी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
यह सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल है!
इस शर्मनाक वारदात ने न सिर्फ बलरामपुर, बल्कि पूरे प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। अस्पताल जैसे सुरक्षित स्थान पर इस तरह की घटना होना कानून-व्यवस्था की पोल खोल रहा है।