मूल रूप से अशोकनगर जिले के चंदेरी थाना इलाके के देवलखो गांव में रहने वाला 30 वर्षीय जयराम पाल डेढ़ महीने पहले ही मजदूरी के लिए अपनी 25 वर्षीय पत्नी रानी, तीन वर्षीय बेटे दिव्यांश और डेढ़ वर्षीय बेटे शिवांश के साथ इंदौर गया था। परिवार शिवकंठ नगर में किराए के कमरे में रह रहा था। 28 जुलाई की रात जयराम अपनी पत्नी और छोटे बेटे को बहाने से रेलवे ट्रैक किनारे ले गया और वहां चाकुओं से ताबड़तोड़ वार कर दोनों की हत्या कर दी। इसके बाद वो भागकर देवलखो गांव पहुंच गया।
पुलिस ने किया पति को गिरफ्तार
29 जुलाई की सुबह जब शिवकंठ नगर के पास रहने वालों को झाड़ियों में शव दिखे तो सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को बरामद कर जांच शुरू की और जल्द ही जयराम की गिरफ्तारी की खबर आई। चंदेरी से उसे हिरासत में लेकर इंदौर ले जाया गया।
अलग-अलग बयान देकर कर रहा गुमराह
मामले को लेकर इंदौर के बाणगंगा थाना प्रभारी सियारामसिंह गुर्जर के मुताबिक, जयराम ने अपनी पत्नी और बच्चे की हत्या करना तो कबूल कर लिया है, लेकिन हत्या करने का कारण लगातार बदल रहा है। कभी कहता है कि, पत्नी से झगड़ा हुआ था तो कभी कहता है- पत्नी उससे बात नहीं करती थी तो कभी पत्नी पर ही आरोप लगाता है कि, पत्नी ने उसपर हमला किया था। उसने ये भी कहा कि, हत्या के वक्त वो शराब के नशे में था।
नेत्रहीन था मासूम
ग्रामीणों के अनुसार, मृतका रानी पाल गर्भवती थी और उसके डेढ़ वर्षीय बेटे शिवांश की आंखें तो थीं, पर वह जन्म से ही नेत्रहीन था। इस मासूम को क्या पता था कि उसका पिता अपने ही हाथों उसका जीवन छीन लेगा।
शव पहुंचे, लेकिन पति नहीं
जब गांव में रानी और शिवांश के शव देवलखो गांव पहुंचे, तो मायके पक्ष के लोग नयाखेड़ा गांव से ट्रैक्टर-ट्राली में आए। शव वाहन अकेले ही शवों को गांव छोड़ गया, आरोपी पति जयराम न अंतिम संस्कार में शामिल हुआ, न ही शवों के साथ आया। ससुराल और मायके पक्ष के बीच तनातनी इतनी बढ़ी कि ग्रामीण भी अंतिम संस्कार से दूर रहे। महज 20-25 लोग ही अंतिम विदाई में मौजूद थे।
हृदय विदारक वारदात ने खड़े किए कई सवाल
इस हृदय विदारक वारदात ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं..। जैसे- “क्या घरेलू विवाद की आग इतनी भयावह हो सकती है? क्या शराब किसी को इतना हैवान बना सकती है? और क्या इंसान में रहम की जगह अब पत्थर दिल रह गया है?”