किराए के लोगों ने दिखाए झंडे
अल्पेश ने कहा कि गोंडल में हमें जिन स्थानों पर लोगों ने काले झंडे दिखाए, विरोध दर्शाया वे किराए पर लाए गए लोग थे। इसमें से कुछ असामाजिक तत्वों ने हमारे वाहनों को नुकसान भी पहुंचाया। छह से सात कारों के कांच तोड़ दिए गए। इससे यह सिद्ध होता है कि गोंडल ही वास्तव में मिर्जापुर है। उन्होंने कहा कि सभी लोग समय-समय पर गोंडल का दौरा करते रहेंगे। गोंडल किसी की जागीर नहीं है, 1947 में मुक्त होने के बाद से ही यहां लोकतंत्र है।
कार चालक हिरासत, उसकी पिटाई का भी आरोप
अल्पेश के समर्थन में एक व्यक्ति कार लेकर निकला था। आरोप है कि उसने गणेश के समर्थकों को कथित तौर पर टक्कर मारने की कोशिश की। ऐसे में गणेश समर्थकों ने उसे घेर लिया। उसकी पिटाई भी करने का आरोप है।
पुलिस का रहा बंदोबस्त
गोंडल में पाटीदार नेता अल्पेश के आगमन के चलते पैदा हुई परिस्थिति को देख रविवार को शहर में कड़ा बंदोबस्त किया गया। रीबडा गांव से गोंडल के आशापुरा चौकड़ी तक 1 उपाधीक्षक, 19 पीआई-पीएसआई सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहे। पुलिस की मौजूदगी में ही कारों में तोड़फोड़, अल्पेश समर्थक की पिटाई का आरोप भी लगा है।
अनुशासित तरीके से विरोध प्रदर्शन करें : गणेश
गणेश जाडेजा ने समर्थकों से कहा कि हमें कानून को हाथ में नहीं लेना है। पुलिस को पूरा सहयोग देना है। उन्होंने कहा कि अल्पेश को गोंडल की जनता ने जवाब दे दिया है।
गोंडल को किया जा रहा बदनाम : जयराजसिंह
गणेश के पिता व पूर्व विधायक जयराजसिंह जाडेजा ने कहा कि गोंडल को गलत तरीके से बदनाम किया जा रहा है। यहां की अठारह जातियां हमारे परिवार के साथ हैं। जनता का गुस्सा देखकर अल्पेश को गोंडल छोड़कर जाना पड़ा। उन्होंने अल्पेश को चुनौती दी कि अनवर बनकर नहीं, वरराजा बनकर आओ और चुनाव के मैदान में उतरो। आने वाले दिनों में नगरपालिका, मार्केटिंग यार्ड, तहसील पंचायत और जिला पंचायत के चुनाव हैं। जो यहां रहते नहीं हैं, वे विरोध करने आते हैं।