उन्होंने सिम्पल प्रोडक्ट डिजाइन (एसपीडी) प्रोजेक्ट के तहत ऐसी बेल्ट डिजाइन की है, जिससे सार्वजनिक जगहों पर आवारा श्वानों, गायों और अन्य पशुओं की ओर से कूड़े दान को गिराने, उसमें से कूड़ा और प्लास्टिक को खाने की समस्या को रोकने में मदद मिलेगी।
छात्र ने इस बेल्ट में मजबूत चुंबक का भी उपयोग किया है, जिससे कूड़े दान के ढक्कन को आवारा पशु-विशेष रूप से चालाक श्वान भी नहीं खोल सकेंगे। संस्थान परिसर में छात्र ने कूड़े दान में इस बेल्ट को लगाकर आवारा श्वान आगे रखा जो इसे खोल नहीं पाया।संस्थान ने सिम्पल प्रोडक्ट डिजाइन (एसपीओ) प्रोजेक्ट के तहत छात्रों को आसपास की वास्तविक समस्या को पहचानने और उसके डिजाइन के जरिए व्यावहारिक और आसानी समाधान ढूंढने का कार्य सौंपा था।
डस्टबिन से फैलने वाले कूड़े, गंदगी से मिलेगा छुटकारा
ऋत्विज ने पाया कि कई बड़े महानगरों, नगरों और छोटे कस्बों तक में आवारा पशुओं-गायों और श्वानों को कूड़ेदान के आसपास भोजन की तलाश करते और कूड़ेदान का कूड़ा बिखेर कर खाते हुए देखा जाता है। खाते समय वे साथ में प्लास्टिक और नुकीली वस्तुएं भी खा जाते हैं जिससे उनकी जान पर भी बन आती है। इस समस्या को उन्होंने डिजाइन के जरिए हल करने के बारे में सोचा। इसके आधार पर एक बेल्ट डिजाइन किया, जिसमें बेल्ट का एक हिस्सा ढक्कन के ऊपर जोड़ा जाता है, जबकि दूसरे हिस्से में मजबूत चुंबक लगाई गई जिसे कूड़ेदान में लोहे व अन्य चुंबक वाले हिस्से से जोड़ने का सिस्टम किया। यह बेल्ट लगा देने पर उसे खोलना आसान नहीं है। इससे आवारा पशुओं को प्लास्टिक खाने से बचाया जा सकता है, बल्कि कूड़े दान गिराने से फैलने वाली गंदगी और बदबू को भी रोकने में मदद मिलेगी।