बेनीवाल ने बताया कि 25 अप्रेल को राज्य सरकार के आला अफसरों ने मुझे दूरभाष पर जान से खतरा बताते हुए एस्कॉर्ट और सुरक्षा उपलब्ध करवाने की बात कहीं थी। मैं पिछले 3 दिनों से जयपुर में हूं और दो दिन से धरने पर हूं। केंद्र की एजेंसियों से मेरी जान को खतरा होने का इनपुट मिलने के बावजूद इंटेलिजेंस की ओर से आदेशित श्रेणी की सुरक्षा नहीं दी गई है। मुझे किससे खतरा है, यह जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की गई है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा कि नागौर एसपी राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार की इंटेलिजेंस के उच्च अधिकारियों से भी बड़े हो गए हैं। वे यह कह रहे हैं कि केवल नागौर जिले में ही एस्कॉर्ट और सुरक्षा दी जाएगी। जबकि मैं पूरे राजस्थान और देश के कई अन्य राज्यों के सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी जाता रहता हूं। राजस्थान के जवान और किसान मेरी सुरक्षा करेंगे। अन्याय तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐसे ही लड़ता रहूंगा। मुझे आपकी सुरक्षा की जरूरत नहीं है। इसलिए मेरी सुरक्षा में तैनात दोनों सुरक्षाकर्मी वापिस लौटा रहा हूं।
सांसद, विधायक व अन्य वीआइपी की की सुरक्षा को लेकर समय-समय पर समीक्षा बैठक आयोजित होती है। बैठक में सुरक्षा हटाने, बढ़ाने या कम किए जाने का निर्णय लिया जाता है। सांसद हनुमान बेनीवाल ने खुद की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों को हटा दिया, इसकी जानकारी नहीं है। सांसद को क्या सुरक्षा दी गई है, इसका पता किया जाएगा।- यू.आर. साहू, डीजीपी राजस्थान