scriptसावन में इस विधि से रुद्राक्ष में आ जाती है शिवजी की शक्ति, पढ़ें रुद्राक्ष धारण करने के नियम और राशि अनुसार मंत्र | rudraksha mala pahnane ke niyam In Sawan 2025 Rudraksha gets power of Lord Shiva by this rules of wearing Rudraksha and rashi anusar mantra | Patrika News
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सावन में इस विधि से रुद्राक्ष में आ जाती है शिवजी की शक्ति, पढ़ें रुद्राक्ष धारण करने के नियम और राशि अनुसार मंत्र

Rules Of Wearing Rudraksha: तंत्र शास्त्र में रुद्राक्ष धारण करने के कुछ नियम है, इन नियमों (Rudraksha Mala Pahnane Ke Niyam In Sawan 2025) का पालन करने से शुभ फल मिलते हैं। ऐसे में आइये जानते हैं रुद्राक्ष धारण करते समय राशि अनुसार कौन से मंत्र जपने चाहिए (Rashi Anusar Mantra) ।

भारतJul 02, 2025 / 07:47 am

Pravin Pandey

rudraksha mala pahnane ke niyam In Sawan 2025

rudraksha mala pahnane ke niyam In Sawan 2025 rules of wearing Rudraksha and rashi anusar mantra: रुद्राक्ष की माला पहनने की विधि और राशि अनुसार मंत्र (फोटो क्रेडिटः पिक्साबे)

Rudraksha Mala Pahnane Ke Niyam In Sawan 2025: रुद्राक्ष को भगवान शिव का आभूषण माना जाता है। मान्यता है कि इसकी उत्पत्ति भगवान भोलेनाथ के नेत्रों से हुई है। इसलिए इसे रत्न की संज्ञा प्राप्त है, जबकि यह एक पेड़ का फल है। साथ ही भगवान शिव की पूजा इसके बिना अधूरी मानी जाती है। लेकिन आप में से कई लोगों को मालूम नहीं होगा कि अन्य रत्नों की तरह ही इसे धारण करने का भी नियम है। बहरहाल, यहां जानते हैं रुद्राक्ष धारण करने का सही समय और नियम क्या है और रुद्राक्ष धारण करते समय राशि अनुसार कौन सा मंत्र जपना चाहिए।

ये हैं रुद्राक्ष धारण करने के नियम

तंत्र शास्त्र के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने के कुछ नियम होते हैं, इन नियमों का पालन कर रुद्राक्ष धारण करने से ही उसका पूर्ण फल मिलता है, वरना एक औपचारिकता बनकर रह जाती है। इसके अनुसार सावन माह इसके धारण करने का सबसे अच्छा समय होता है। इस समय बिना टूटे फूटे रुद्राक्ष की माला घर लाएं और रवि पुष्य योग, सोम पुष्य योग या सोमवार के दिन गंगाजल से धोकर थाली में रखें।
इसके बाद गंगाजल, शुद्ध जल, शुद्ध दूध या चंदन मिश्रित जल से स्नान कराएं या पहले स्नान कराकर उस पर चंदन लगाएं। श्वेत पुष्प धतूरा मदार आदि चढ़ाएं। अक्षत बेलपत्र चढ़ाएं। धूप दीप दिखाएं और आरती करें। शिवजी की प्रतिमा की पूजा करें। इस पूरी प्रक्रिया को करते समय शिवजी का ऊं नमः शिवाय मंत्र या राशि अनुसार मंत्र जपते रहें। शिवजी और रुद्राक्ष की पूजा होने के बाद प्रार्थना कीजिए कि हे शिवजी! आप कृपा करके रुद्राक्ष की माला में निवास कीजिए। इसे अपनी कृपा से अपने दिव्य प्रभाव से शक्तिशाली बनाइये। मैं इस माला को धारण कर सदैव आपका कृपा पात्र रहूं। सर्वत्र मेरी रक्षा कीजिए।
इस प्रार्थना के बाद माला को धूप के धुएं से शोधित कर सुमेरू को माथे से लगाएं और 11 माला मंत्र का जाप करें। फिर यही मंत्र पढ़ते हुए 21 आहुतियों से हवन करें और ब्राह्मण को भोजन और दक्षिणा दें। इसके बाद माला को शिवजी की प्रतिमा से स्पर्श कराकर मंत्र पढ़ते हुए धारण करें और भस्म का टीका लगाकर शिवजी को प्रणाम करें।

रुद्राक्ष धारण करने के लिए राशि अनुसार मंत्र

मेषः ऊँ ह्रीं श्रीं लक्ष्मी नारायण नमः

वृषभः ऊँ गोपालाय उत्तरध्वजाय नमः

मिथुनः ऊं क्लीं कृष्णाय नमः

कर्कः ऊँ हिरण्यगर्भाय अव्यक्त रूपिणे नमः
सिंहः ऊँ क्लीं ब्रह्मणे जगदाधाराय नमः

कन्याः ऊँ नमो प्रीं पिताम्बराय नमः

तुलाः ऊँ तत्वनिरन्जनाय तारकरामाय नमः

वृश्चिकः ऊँ नाराणाय सुरसिंहाय नमः

धनुः ऊँ श्रीं देवकृष्णाय उर्ध्वषताय नमः

मकरः ऊँ श्री वत्सलाय नमः
कुंभः ऊँ श्रीं उपेन्द्राय अच्चुताय नमः

मीनः ऊँ क्लीं उद्घृताय उद्धरिणे नमः

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