बानी अल-हरिथ ( सना के उत्तर)
स्थानीय अल महसीरा टीवी के अनुसार हवाई हमले में बच्चों और महिलाओं समेत आठ लोगों की जान चली गई। हमले में क्षतिग्रस्त घरों से चीख-पुकार के वीडियो क्लिप सामने आए।
सादा प्रांत का प्रवासी केंद्र
इथियोपिया, सोमालिया व अन्य अफ्रीकी देशों के लगभग 100 प्रवासी हिरासत में थे। भयंकर मलबा हटाने के बाद रहस्यमयी मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। हमलों के पीछे अमेरिका की रणनीति : हूतियों पर कार्रवाई
यूएस का कहना है कि वे रेड सी में शिपिंग रूट्स और इजराइल पर हमले रोकने के लिए हिंद महासागर से ड्रोन व मिसाइल हमले कर रहे हैं। हूती विद्रोहियों ने हाल ही में एक अमेरिकी ड्रोन गिराने का दावा भी किया है।
संयुक्त राष्ट्र ने नागरिक हताहतों पर कड़ी चिंता जताई
जानकारी के अनुसार अमेरिकियों की ओर से परिचालन सुरक्षा का हवाला देते हुए हमलों का विस्तार व लक्ष्य विवरण छुपाया जा रहा है। मानव अधिकार समूह व संयुक्त राष्ट्र ने नागरिक हताहतों पर कड़ी चिंता जताई है।
राहत रोकी, चिकित्सा आपूर्ति बाधित
नाकेबंदी के चलते भोजन, दवा व ईंधन की किल्लत बढ़ी गई है। घायल नागरिकों को अस्पताल पहुंचाने में रुकावट आ रही है। डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ( Doctors Without Borders) ने बताया कि जलने वाले मरीजों को दर्द निवारक तक नहीं मिल पाए।
संयुक्त राष्ट्र का आह्वान
UN प्रवक्ता की चेतावनी दी है कि दोनों पक्ष संयम बरतें और मानवीय संकट गहराने से रोकें। अन्य देशों से तत्काल मध्यस्थता की अपील की गई है। किसी भी कार्रवाई का सबसे बड़ा भार आम जनता को उठाना पड़ता है
बहरहाल अमेरिकी एयर स्ट्राइक की मार ने यमन में पहले से चल रहे मानवीय संकट और विकराल बना दिया है। सादा के हिरासत केंद्र पर हुए हमले ने दुनिया को याद दिलाया कि युद्ध के नियमों का उल्लंघन कर रही किसी भी कार्रवाई का सबसे बड़ा भार आम जनता को उठाना पड़ता है।