पाकिस्तानी सरकार ने बुलाई इमरजेंसी सीसीआई मीटिंग
भारत के सिंधु जल समझौता रद्द करने से पाकिस्तान घबरा गया है। भले ही पाकिस्तानी नेता गीदड़भभकी दे रहे हैं कि भारत ऐसा नहीं कर सकता और पाकिस्तान इसका मुंहतोड़ जवाब देगा, पर असल में पाकिस्तान की टेंशन काफी बढ़ गई है। पाकिस्तान में पानी का सबसे बड़ा स्त्रोत सिंधु नदी ही है और इसका पानी रुकने पर पाकिस्तान में सूखे से हाहाकार मच सकता है। सिंध प्रांत में तो हड़कंप मच गया है। ऐसे में सिंध सरकार के कहने पर पाकिस्तानी पीएम शहबाज़ शरीफ ने आज सीसीआई (CCI) की मीटिंग बुलाई है।
समय से पहले ही बुलाई मीटिंग
पहले सीसीआई की यह मीटिंग 2 मई को होनी थी। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए इस मीटिंग को चार दिन पहले, यानी कि 28 अप्रैल को ही करने का फैसला लिया गया है, जिससे सिंधु जल समझौता रद्द होने से पाकिस्तान के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की जा सके। पंजाब प्रांत की सरकार ने पाकिस्तान में सिंधु नदी पर 6 नहरें बनाने का प्रस्ताव दिया है जिससे पंजाब के किसानों को पानी मिल सके। सिंध सरकार इसके खिलाफ है क्योंकि इससे सिंध में पानी की किल्लत हो जाएगी। इस मुद्दे पर भी मीटिंग में चर्चा की जाएगी।
भारत के फैसले से पाकिस्तान को बड़ा नुकसान
भारत सरकार के सिंधु जल समझौता रद्द करने की वजह से पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ है। सिंध प्रांत में इस वजह से जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिससे यातायात व्यवस्था काफी प्रभावित हुई है। इसका नकारात्मक असर व्यापार पर भी पड़ा है। माल को दूसरे प्रांतों में ले जाने वाले रास्तों के रुके होने से व्यापारियों और किसानों को काफी नुकसान हो रहा है।