ब्राजील-भारत के संबंध होंगे और मजबूत
अपनी राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ब्रासीलिया में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला से मिलेंगे। दोनों नेता व्यापार, रक्षा, कृषि, तकनीक और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।भारतीय प्रवासियों में दिखा उत्साह
ब्राजील में रह रहे भारतीयों ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताया। एक प्रवासी विजय सोलंकी ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री से मिलना हमारे लिए गर्व की बात है।” वहीं पूजा नामक प्रवासी महिला ने बताया, “मैं पिछले तीन सालों से यहां हूं, और आज का दिन मेरे लिए खास है।”अर्जेंटीना से पहुंचे, नामीबिया की ओर प्रस्थान करेंगे
ब्राजील से पहले पीएम मोदी अर्जेंटीना में थे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जेवियर माइली से मुलाकात की। ब्राजील के बाद वे 9 जुलाई को नामीबिया पहुंचेंगे और वहां संसद को भी संबोधित करेंगे।प्रवासी भारतीयों में गर्व की लहर
प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में उमड़ी भीड़ इस बात का संकेत है कि दुनिया भर में बसे भारतीय आज भी भारत के नेतृत्व से गहरे जुड़ाव महसूस करते हैं। एक प्रवासी महिला ने कहा – “यह सिर्फ एक मुलाकात नहीं, बल्कि भारत से जुड़ाव का एहसास है।”ब्राजील के सांस्कृतिक संगठनों से सकारात्मक प्रतिक्रिया
ब्राजीलियाई लोक कलाकारों और सांस्कृतिक समूहों ने कहा कि “भारत और ब्राजील की संस्कृति में आध्यात्म और रंगों की साझी झलक है।”ब्रिक्स में भारत का एजेंडा क्या रहा ?
अब नजरें प्रधानमंत्री के ब्रिक्स भाषण पर हैं , क्या वे चीन और रूस के बीच संतुलन बना पाएंगे? क्या आतंकवाद और एआई पर ठोस प्रस्ताव आएगा?ब्राजील के साथ हुए समझौतों की घोषणा कब होगी ?
प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्रपति लूला से मुलाकात के बाद संभावित MOUs पर विशेष प्रेस ब्रीफिंग की उम्मीद है। इसमें टेक्नोलॉजी, एनर्जी और डिफेंस प्राथमिक क्षेत्रों में शामिल हो सकते हैं।‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम ने दिया भावनात्मक टच
पारंपरिक नृत्य और “ये देश नहीं मिटने दूंगा” गीत के माध्यम से प्रवासियों ने एक भावनात्मक और राजनीतिक संदेश भी दिया – जो सिर्फ स्वागत नहीं, बल्कि एकजुटता और पहचान का प्रदर्शन था।भारत-ब्राजील संबंधों में ऊर्जा डिप्लोमेसी का नया अध्याय
भारत अब ब्राजील के साथ बायो-फ्यूल, ग्रीन हाइड्रोजन और सौर ऊर्जा पर सहयोग के लिए रणनीतिक योजना बना रहा है — जिससे दोनों देशों की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।प्रवासी भारतीयों की भावनात्मक प्रतिक्रिया
“जब मोदी जी पहुंचे और ‘ये देश नहीं मिटने दूंगा’ गूंजा, तब रोंगटे खड़े हो गए,” – रियो में रहने वाली पूजा शाह।“देश से दूर रहकर भी हमने भारत को महसूस किया,” – विजय सोलंकी, गुजराती प्रवासी।