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Danger Alert: इंडोनेशिया में भीषण ज्वालामुखी विस्फोट, 10,000 मीटर की ऊंचाई तक छाया गुबार ही गुबार

Indonesia Volcano Eruption 2025:इंडोनेशिया के फ्लोरेस द्वीप पर माउंट लेवोटोबी ज्वालामुखी से 10,000 मीटर ऊंचा राख का गुबार निकला है। इससे हवाई यातायात व पर्यावरण पर खतरा मंडरा रहा है।

भारतJun 17, 2025 / 08:57 pm

M I Zahir

Indonesia Volcano Eruption 2025

इंडोनेशिया में भीषण ज्वालामुखी विस्फोट हो गया। (फोटो: वाशिंगटन पोस्ट।)

Indonesia Volcano Eruption 2025: इंडोनेशिया के फ्लोरेस द्वीप पर स्थित माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी (Mount Lewotobi Laki-Laki) में मंगलवार शाम ज्वालामुखी अचानक फट (Indonesia Volcano Eruption) पड़ा। यह ज्वालामुखी 1,584 मीटर ऊंचा है और इसकी दो प्रमुख चोटियाँ हैं (Mount Lewotobi Ash Cloud)। ज्वालामुखी से निकलने वाली राख का विशाल स्तंभ लगभग 10,000 मीटर (10 किलोमीटर) ऊंचाई तक पहुंच गया। इंडोनेशियाई ज्वालामुखी विज्ञान एजेंसी ने विस्फोट के बाद स्थिति को “गंभीर” बताते हुए चार-स्तरीय चेतावनी प्रणाली में सबसे उच्च स्तर (लेवल-4) का अलर्ट (2025 Volcano Alert Indonesia) घोषित किया है। एजेंसी के अनुसार, विस्फोट से निकलने वाला राख का स्तंभ घना और गहरा भूरा था, जो वायुमंडल में ऊंचाई तक फैल गया।

हवाई यात्रा पर खतरा, पर्यटकों के लिए चेतावनी

राख के बादल की ऊंचाई को देखते हुए हवाई उड़ानों पर भी संभावित प्रभाव की चेतावनी दी गई है। राख वायुयानों के इंजन को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे उड़ानों को रद्द या डायवर्ट किया जा सकता है। स्थानीय प्रशासन ने पर्यटकों और निवासियों को ज्वालामुखी क्षेत्र से दूर रहने की सख्त हिदायत दी है।

कोई जान-माल का नुकसान नहीं, सतर्कता जारी

अब तक किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन प्रशासन लगातार क्षेत्र पर निगरानी बनाए हुए है। निकटवर्ती गांवों को अलर्ट पर रखा गया है और संभावित निकासी की तैयारियाँ की जा रही हैं।0

अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां इस विस्फोट को लेकर गंभीर चिंता जता रहीं

उधर विश्व भर में पर्यावरण विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां इस विस्फोट को लेकर गंभीर चिंता जता रही हैं। ऐसे विस्फोट वातावरण में एरोसोल और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा को बढ़ाकर जलवायु परिवर्तन की दिशा को अस्थायी रूप से प्रभावित कर सकते हैं। जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है, “10 किलोमीटर ऊंची राख का गुबार समताप मंडल (stratosphere) तक पहुंचता है, जो सूर्य की रोशनी को परावर्तित कर अस्थायी वैश्विक ठंडक ला सकता है।”

फ्लाइट्स पर प्रतिबंध या रूट बदलाव की संभावना

हवाई यातायात पर असर – क्षेत्रीय और इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर प्रतिबंध या रूट बदलाव की संभावना। इंडोनेशियाई एविएशन अथॉरिटी की बुलेटिन का इंतज़ार।

जनसंख्या पर प्रभाव – क्या आसपास के गांवों को खाली कराया गया? कितने लोग खतरे में हैं?
भूकंपीय सक्रियता का विश्लेषण – क्या यह ज्वालामुखी विस्फोट क्षेत्र में और भूकंपों का संकेत है?

मौसम प्रभाव : दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में मानसून पर क्या असर पड़ेगा?

राख से धूप में कमी: फ्लोरेस द्वीप पर दिन में भी अंधकार छा गया, स्थानीय लोगों के लिए स्वास्थ्य अलर्ट।
पर्यटन पर असर: फ्लोरेस एक प्रमुख पर्यटक स्थल है — क्या इससे पर्यटन पर स्थायी असर होगा?

जलवायु अनुसंधान के लिए मौका: वैज्ञानिक इस विस्फोट का डेटा सैटेलाइट्स के ज़रिए इकट्ठा कर रहे हैं — यह जलवायु परिवर्तन अध्ययन में मदद कर सकता है।
जैव विविधता को खतरा: राख के कारण आसपास के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र जैसे कोरल रीफ्स, जंगली जीवन, और जल स्रोतों पर असर।

(इनपुट क्रेडिट: इंडोनेशियाई ज्वालामुखी विज्ञान और भूवैज्ञानिक आपदा न्यूनीकरण एजेंसी (PVMBG) का ताज़ा बयान।)

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