दान्योर के अस्पतालों में भर्ती कराया
एक स्थानीय निवासी मोहम्मद अकबर के अनुसार, मृतकों और घायलों को गिलगित और दान्योर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इस क्षेत्र में हाल ही में हुई भारी बारिश और बाढ़ ने सिंचाई चैनलों और मुख्य सड़क संपर्क को भी नुकसान पहुंचाया है। 22 जुलाई को दान्योर नाले में पानी का तेज बहाव रिहायशी इलाकों में भी पहुंचा था, जिससे लोगों को पीने और सिंचाई के पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
यह नहर पूरी घाटी के लिए जल का मुख्य स्रोत
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह नहर पूरी घाटी के लिए जल का मुख्य स्रोत है। जल आपूर्ति बाधित होने से हजारों लोग और किसान प्रभावित हो रहे हैं। स्थानीय नेता हुसैन अकबर शाह ने बताया कि हालात ऐसे बन गए हैं कि लोग बुनियादी जरूरतों के लिए भी परेशान हैं।
गिलगित के अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित
गिलगित-बाल्टिस्तान सरकार के प्रवक्ता फैजुल्लाह फराक ने पुष्टि की कि इस भूस्खलन में सात वॉलंटियर्स की मौत हुई है। घटना के बाद गिलगित के अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। वहीं, स्थानीय लोग सरकार की कार्यशैली से नाराज हैं और उन्होंने दान्योर चौक पर प्रदर्शन कर अपनी मांगें रखी हैं।
सरकार ठोस कदम नहीं उठा पाई
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार बार-बार जल आपूर्ति बहाल करने का वादा करती रही है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई। इस वजह से इलाके के लोग दिन-ब-दिन और अधिक मुश्किल में फंस रहे हैं। वे सरकार से इस गंभीर समस्या का त्वरित समाधान करने की मांग कर रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन से क्षेत्र में चुनौतियां पैदा हुईं
हालांकि, इस भूस्खलन ने जलवायु परिवर्तन के कारण क्षेत्र में आई चुनौतियों को भी उजागर किया है। लगातार बढ़ती बारिश और पिघलते ग्लेशियर न केवल स्थानीय जीवन को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि बुनियादी ढांचे को भी खतरे में डाल रहे हैं।
जलापूर्ति बहाल करना अब एक बड़ी चुनौती
दान्योर क्षेत्र के लिए जल आपूर्ति बहाल करना अब एक बड़ी चुनौती बन चुका है, और इसके लिए जो लोग काम कर रहे हैं, उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। प्रशासन को चाहिए कि वह जल आपूर्ति के साथ-साथ क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भी प्रभावी कदम उठाए ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
सरकार ने जल संकट को नजरअंदाज किया
बहरहाल गिलगित-बाल्टिस्तान के दान्योर में जल आपूर्ति बहाल करने के दौरान भूस्खलन ने 8 वॉलंटियर्स की जान ले ली। स्थानीय लोग सरकार पर जल संकट को नजरअंदाज करने का आरोप लगा रहे हैं और सुरक्षा इंतजामों में सुधार की मांग कर रहे हैं।