लिबरल पार्टी (Liberal Party) और मार्क कार्नी
नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी (Mark Carney) की अगुआई में मुकाबला है, जिन्होंने बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड का संचालन किया है। कंज़र्वेटिव पार्टी (Conservative Party) और पियरे पोइलीव्रे
पियरे पोइलीव्रे (Pierre Poilievre) नेतृत्व में मैदान में है, जिनकी लोकप्रियता “Canada First” नारों और populist रुख के चलते हलचल बढ़ी है।
न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (New Democratic Party) और जगमीत सिंह
जगमीत सिंह (Jagmeet Singh) के नेतृत्व में चुनाव लड़े जा रहे हैं, जो छात्र ऋण माफ़ी, सार्वभौमिक फार्मास्योर और पर्यावरणीय नीतियों पर जोर देते हैं।
ब्लॉक क्यूबेक्वोइस (Bloc Québécois) और वाइव्स-फ्राँसवॉइस ब्लांशेट
वाइव्स-फ्राँसवॉइस ब्लांशेट (Yves-François Blanchet) के नेतृत्व में चुनाव लड़े जा रहे हैं, जो खासकर क्यूबेक में संप्रभुता की मांग करते हैं। (साथ ही ग्रीन पार्टी की एलिज़ाबेथ में और पीपीसी के मैक्सिम बर्नियर जैसे अन्य उम्मीदवार भी स्थानीय स्तर पर सुर्ख़ियां बटोर रहे हैं।)
चुनाव में भारतीय नागरिकों (Indian Canadians) की भूमिका, जनसंख्या और मतदाता आधार
भारतीय मूल के कनाडाई नागरिकों की संख्या लगभग 18.6 लाख है, जो कुल जनसंख्या का लगभग 5.1% है। वे ओंटारियो (विशेषकर ग्रेटर टोरंटो एरिया), ब्रिटिश कोलम्बिया, अल्बर्टा और क्यूबेक में बड़े मतदाता समूह हैं।
चुनाव में स्विंग राइडिंग्स में प्रभाव
कई महत्वपूर्ण “बैटलग्राउंड” निर्वाचन क्षेत्रों (जैसे ब्रैंपटन सेंट्रल, स्कारबोरो सेंटर, विंनिपेग साउथ सेंट्रल) में भारतीय–कनाडाई मतदाताओं का निर्णय अंततः विजेता सीटों का रुझान तय कर सकता है। कनाडा में प्रतिनिधित्व और उम्मीदवार
जगमीत सिंह (NDP) स्वयं भारतीय मूल के हैं और पार्टी के राष्ट्रीय नेता हैं, जो व्यापक भारतीय समुदाय को सक्रिय रूप से संबोधित करते रहे हैं। कई अन्य संसदीय और प्रांतीय उम्मीदवार (जैसे कि अनिता आनंद – लिबरल, अर्पन खन्ना – कंज़रवेटिव) भी भारतीय मूल के होने के नाते समुदाय की आवाज़ उठाते हैं।
राजनीतिक जागरूकता और अभियान
भारतीय–कनाडाई समुदाय ने 2022 में भी पार्टी नेतृत्व चुनावों में सक्रिय भागीदारी दिखाई थी, और इस बार भी सोशल मीडिया व स्थानीय धरातल पर दोनों मुख्य दलों के अभियान में अहम भूमिका निभा रहे हैं। कुछ रिपोर्टों में विदेशी दखलंदाज़ी (India, China, Pakistan) के तहत विविध डिसइन्फ़ॉर्मेशन कोशिशों का भी जिक्र किया गया है, जिससे इंडियन डायस्पोरा समुदाय को भ्रमित करने का प्रयास किया गया है।
कनाडा में नीति-निर्माण पर असर
भारतीय–कनाडाई मतदाताओं की प्राथमिकताएं-जैसे आव्रजन शर्तें, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, वाणिज्यिक संबंध—चुनावी घोषणा पत्रों में विशेष स्थान रखती हैं। दोनों बड़े दलों ने हिंद महासागर सुरक्षा, भारत–कनाडा आर्थिक साझेदारी और अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति में भारतीय-कनाडाई समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया गया है।
मार्क कार्नी बनाम पियरे पोइलीव्रे के बीच कड़ी टक्कर
बहरहाल कनाडा के 2025 संसदीय चुनाव में मार्क कार्नी बनाम पियरे पोइलीव्रे के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है, जहां जगमीतसिंह और अन्य दल भी अपनी ताकत आज़मा रहे हैं। कुूल मिला कर 18.6 लाख भारतीय से अधिक भारतीय–कनाडाई मतदाता न केवल “बैटलग्राउंड” राइडिंग्स में फैसले पर असर डालेंगे, बल्कि चुनावी नीतियों और भविष्य के सरकार गठन में भी अहम योगदान देंगे।