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GLP-1 Medications for Weight Loss : मोटापा कम करने की साइंस-बेस्ड स्मार्ट ट्रिक, जानिए GLP-1 से कैसे घटेगा वजन

GLP-1 Medications for Weight Loss : भारत में Wegovy और Mounjaro जैसी नई वजन घटाने वाली दवाएं तेजी से 15-21% तक वजन घटा रही हैं जिससे लोग उत्साहित हैं। लेकिन सवाल है: क्या सिर्फ दवाइयों पर निर्भर रहना सही है?

भारतJul 17, 2025 / 02:20 pm

Manoj Kumar

GLP-1 Medications for Weight Loss

GLP-1 Medications for Weight Loss (फोटो सोर्स: AI Image@Gemini)

GLP-1 Medications for Weight Loss : भारत में Wegovy और Mounjaro जैसी नई वजन घटाने वाली दवाइयों के आने से लोगों में उत्सुकता बढ़ गई है। ये दवाएं तेजी से वजन कम करने में मदद करती हैं लोग 15-21% तक वजन घटा रहे हैं। लेकिन क्या सिर्फ दवाइयों पर निर्भर रहना सही है?
अमेरिका के सबसे बड़े अस्पताल मास जनरल ब्रिघम और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के डॉक्टरों ने एक नई रिपोर्ट में कहा है कि सिर्फ दवाइयां काफी नहीं हैं। अगर आप स्वस्थ तरीके से वजन कम करना चाहते हैं और उसे बनाए रखना चाहते हैं तो आपको सही खान-पान और कसरत पर भी ध्यान देना होगा। वरना, दवाइयों से वजन तो घटेगा लेकिन मांसपेशियां भी कम हो सकती हैं और साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।

GLP-1 Medications for Weight Loss : सिर्फ दवा नहीं, मांसपेशियों का भी रखें ख्याल

GLP-1 दवाएं भूख कम करती हैं, पाचन धीमा करती हैं और पेट भरा हुआ महसूस कराती हैं लेकिन इनके इस्तेमाल से फैट के साथ-साथ मांसपेशियां भी कम हो सकती हैं। यही कारण है कि प्रोटीन का सेवन और मांसपेशियों को बनाए रखना बहुत जरूरी है।
डॉक्टरों का कहना है कि हर भोजन की शुरुआत 20-30 ग्राम प्रोटीन से करें। इसके लिए मछली, टोफू, छोले या अंडे जैसे विकल्प अच्छे हैं। जो लोग थोड़ी कसरत करते हैं उन्हें अपने शरीर के हर किलोग्राम वजन के हिसाब से 1 से 1.5 ग्राम प्रोटीन रोज लेना चाहिए। अगर भूख कम लगती है तो 20 ग्राम प्रोटीन वाले प्रोटीन शेक भी पी सकते हैं।
ऊर्जा की कमी से बचने के लिए छोटे-छोटे भोजन करें और स्वस्थ स्नैक्स जैसे फल, नट्स या बिना मीठा दही खाएं। सफेद अनाज और मीठे खाद्य पदार्थों की जगह शकरकंद और दलिया जैसे धीरे पचने वाले कार्बोहाइड्रेट बेहतर हैं। जैतून का तेल और एवोकैडो जैसे स्वस्थ फैट भी पेट भरने और पोषक तत्वों को सोखने में मदद करते हैं।
WHO यह मानता है कि GLP-1 जैसी दवाएं जैसे सेमाग्लूटाइड (Wegovy, Ozempic) और टिर्ज़ेपाटाइड (Mounjaro) मोटापे और टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में बहुत प्रभावी साबित हुई हैं। इनसे लोगों का काफी वजन कम होता है (करीब 15-21% तक)। लेकिन वे ये भी साफ करते हैं कि ये दवाएं अकेले वजन कम नहीं कर सकतीं।

साइड इफेक्ट्स से बचने का रास्ता आपकी रसोई से शुरू होता है

इन परेशानियों को कम करने के लिए कुछ आसान सुझाव दिए गए हैं:

GLP-1 Medications for Weight Loss
GLP-1 Medications for Weight Loss (फोटो सोर्स : Freepik)
जी मिचलाने पर: ज्यादा फैट या तैलीय खाना न खाएं। सादे विकल्प जैसे साबुत अनाज का टोस्ट चुनें और अदरक की चाय या फल आजमाएं।
सीने में जलन पर: छोटे हिस्से में खाएं और खाने के 2-3 घंटे बाद तक लेटने से बचें।

कब्ज पर: घुलनशील और अघुलनशील फाइबर (ओट्स, सेब, सब्जियों के छिलके, नट्स से) दोनों का सेवन बढ़ाएं और खूब पानी पिएं।
रोज 2-3 लीटर तरल पदार्थ लें खासकर पानी। तरबूज, सूप और खीरे जैसे हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थ भी शामिल करें।

यह भी महत्वपूर्ण है कि GLP-1 दवाइयां लेते समय अत्यधिक कैलोरी प्रतिबंध से बचें क्योंकि इससे थकान, डिहाइड्रेशन और पोषक तत्वों की कमी बिगड़ सकती है। डॉक्टरों ने बहुत कठोर डाइट से भी बचने की सलाह दी है, जैसे कि सख्त वीगन डाइट, जिसमें विटामिन बी12, आयरन और प्रोटीन की कमी हो सकती है।

GLP-1 दवा लेने वाले मरीजों के लिए आहार और व्यायाम संबंधी दिशानिर्देश

वजन घटाने के लिए GLP-1 लेते समय अधिकतम लाभ पाने के लिए हमारी भोजन योजना का पालन करें।

श्रेणीदिशानिर्देश
मांसपेशियों को बनाए रखें प्रति भोजन 20-30 ग्राम प्रोटीन (मछली, मुर्गी, दही, बीन्स)।
जब GLP-1 से भूख बहुत कम लगे तो प्रोटीन शेक लें।
ऊर्जावान रहें और संतुलन बनाए रखें भोजन के बीच स्नैक्स (नट्स, फल, दही)।
धीरे पचने वाले खाद्य पदार्थ (ओटमील, शकरकंद); स्वस्थ वसा (जैतून का तेल, एवोकैडो)।
GLP-1 के साइड इफेक्ट्स से बचें कब्ज: फाइबर बढ़ाएं और हाइड्रेटेड रहें।
मतली: तले हुए भोजन से बचें; साबुत अनाज खाएं और अदरक का सेवन करें।
सीने में जलन: मसालेदार भोजन से बचें; भोजन के बाद सीधा खड़े रहें।
हाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) के लिए तरल पदार्थ की आवश्यकता प्रतिदिन 8-12 कप पानी;
हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थ (सूप, खीरा, खरबूजा)।
GLP-1 लेते समय शारीरिक गतिविधि एरोबिक व्यायाम: प्रति सप्ताह 150 मिनट (तेज चलना)।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग: 30 मिनट, सप्ताह में 2-3 बार (वजन, रेसिस्टेंस बैंड्स के साथ)।
(Credit: Harvard Medical School)

कसरत अभी भी क्यों जरूरी है?

भले ही GLP-1 दवाएं भूख कम करती हैं और वजन घटाती हैं लेकिन परिणाम बनाए रखने और स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक गतिविधि अभी भी महत्वपूर्ण है। डॉक्टरों ने तीन-चरणीय व्यायाम योजना की सलाह दी है:
धीरे-धीरे शुरू करें: प्रतिदिन 10 मिनट की तेज चलने या अन्य मध्यम गतिविधि से शुरू करें और प्रति सप्ताह 150 मिनट तक बढ़ाएं।

रेसिस्टेंस जोड़ें: हफ्ते में 2-3 बार 30 मिनट के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग (जैसे स्क्वैट्स, लंजेस, बैंड्स या वजन के साथ) करें।
इसे बनाए रखें: नियमित स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के साथ प्रतिदिन 30-60 मिनट की गतिविधि जारी रखें।

यह व्यवस्थित दिनचर्या मरीजों को मांसपेशियों को बनाए रखने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करती है जो केवल दवा से संभव नहीं है। रिपोर्ट में फूड ट्रैकिंग (ऐप्स, फोटो या डायरी के माध्यम से) जैसे व्यावहारिक उपकरण भी शामिल हैं और दवा बंद होने पर भी जीवन शैली में बदलाव जारी रखने को प्रोत्साहित किया गया है क्योंकि यह वजन बढ़ने से रोकने में मदद करता है।

भारत में मोटापा: कौन कितना मोटा और क्यों?

हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी ये मान लिया है कि मोटापा एक बहुत बड़ी स्वास्थ्य समस्या है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि हमें अपनी लाइफ स्टाइल को स्वस्थ रखना कितना जरूरी है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) सीधे-सीधे भारत में उम्र और लिंग के हिसाब से मोटापे के पूरे आंकड़े नहीं देता है क्योंकि ये डेटा देश खुद इकट्ठा करते हैं। लेकिन WHO और बाकी हेल्थ एजेंसियां जो डेटा इस्तेमाल करती हैं वो ज्यादातर हमारे अपने नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) के आंकड़ों से आता है।
NFHS-5 (जो 2019 से 2021 के बीच हुआ था) के हिसाब से भारत में मोटापे का हिसाब-किताब।

भारत में मोटापे के आंकड़े (NFHS-5, 2019-21 के अनुसार)

आयु वर्ग (वर्ष)लिंगमोटापे का प्रतिशत (BMI ≥ 30.0)
कुल (15-49 वर्ष)महिलाएं6.4%
कुल (15-49 वर्ष)पुरुष4.0%
5 वर्ष से कम आयु के बच्चेलड़के/लड़कियां (अधिक वजन)3.4%
NFHS-5, 2019-21 के अनुसार
अपने देश भारत में भी मोटापे के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं खासकर शहरों में। ये मोटापा आगे चलकर शुगर (डायबिटीज), दिल की बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर जैसी कई बड़ी बीमारियों की जड़ बन रहा है।
ऐसे में GLP-1 जैसी नई दवाएं जो वजन घटाने में मदद करती हैं एक अहम रास्ता हो सकती हैं। लेकिन बात इतनी सी है कि ये दवाएं तभी असली फायदा देंगी जब हम इन्हें अपनी पूरी लाइफस्टाइल बदलने के साथ इस्तेमाल करें। यानी सिर्फ दवाई खाकर नहीं बल्कि सही खान-पान और कसरत को भी अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाना होगा।

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