Dilip Joshi lost 16 kg in 45 Days : वजन कम करने का सफर
दिलीप जोशी (Dilip Joshi) उस समय एक ऑफिस में नौकरी कर रहे थे, लेकिन ऑफिस की थकाना के बाद भी वो अपने लिए थोड़ा समय निकाल लेते थे। वो रोज शाम को मरीन ड्राइव जाते थे, वहा स्विमिंग क्लब में कपड़े बदलकर ओबेरॉय होटल तक दौड़ते थे और फिर वापस आते थे। इस में उन्हें पूरे 45 मिनिट का समय लगता था। उन्होंने बारिश हो या गर्मी कभी भी दौड़ना नहीं छोड़ा। उन्हें कुछ समय में ही इस में मजा आने लगा और यह उनकी आदतों में शामिल हो गया। उन्होंने वजन कम करने के लिए किसी डाइट को फॉलो नहीं किया और ना ही कभी जिम गए। बल्कि उन्होंने इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया। उन्होंने बाहर का तला हुआ खाना कम कर दिया और घर का सादा खाना खाने लगे, क्योंकि उनका मानना था कि अगर खाना समझदारी से खाया जाए तो शरीर भी साथ देने लगता है।
उन्होंने ने बताया कि उन्हें मरीन ड्राइव की हवा, समुद्र की आवाज और वहा का माहौल बहुत अच्छा लगता था। ये दौड़ उनके लिए कोई बोझ नहीं बल्कि दिन का सबसे अच्छा हिस्सा बन गई थी। इससे उनका शरीर ही नहीं दिमाग भी हल्का महसूस करने लगा था। धीरे-धीरे उनका वजन कम होने लगा और वो ज्यादा एक्टिव महसूस करने लगे।
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
फिटनेस के जानकारों का भी यही कहना है कि वजन घटाने के लिए महंगे जिम या सप्लीमेंट्स जरूरी नहीं हैं। अगर आप हर दिन थोड़ा समय निकालकर चलें या दौड़े, तो इससे ना सिर्फ वजन कम होता है बल्कि दिल, दिमाग और नींद भी बेहतर होती है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि हर हफ्ते एक या डेढ़ किलो वजन कम होना एकदम सही और सुरक्षित तरीका है। वो कहते हैं कि दिलीप जोशी जैसा तरीका आज भी लोगों के लिए फायदेमंद है।
इससे क्या सीख मिलती है?
आजकल लोग फिट रहने के लिए कई तरह की डाइट, जिम, ऐप्स और पाउडर अपनाते हैं। लेकिन जल्दी रिज़ल्ट पाने के चक्कर में कई बार सेहत खराब कर लेते हैं। दिलीप जोशी की कहानी बताती है कि अगर हम रोज़ थोड़ा समय निकाल लें, और सादा खाना खाएं, तो बिना खर्च किए भी फिट रहा जा सकता है। असली बदलाव तब आता है जब हम खुद से कोशिश करते हैं। उनकी ये कहानी हमें सिखाती है कि अगर दिल से चाहो तो कुछ भी मुश्किल नहीं। उन्होंने बिना शोर मचाए, बिना कोई दिखावा किए अपने आप में एक बड़ा बदलाव लाया। उनके इस सफर से ये साफ होता है कि फिटनेस कोई बड़ी बात नहीं है, बस हमें थोड़ा सा वक्त, थोड़ी सी मेहनत और एक शुरुआत की जरूरत है।