Akash Deep Sister Cancer : दर्द में भी मुस्कुराती जीत की वजह: बहन अखंड ज्योति
जब आकाश दीप ने अपनी इस शानदार परफॉरमेंस को अपनी बड़ी बहन अखंड ज्योति सिंह को समर्पित किया तब दुनिया को पता चला कि उनकी इस ऐतिहासिक जीत के पीछे कितना गहरा भावनात्मक संघर्ष छिपा है। लखनऊ में अपनी बहन अखंड ज्योति कमजोरी के बावजूद खुशी से झूम उठती हैं। अखंड ज्योति ने बताया जब मैं कैंसर से पीड़ित थी तब आकाश लखनऊ सुपरजायंट्स के लिए IPL 2025 में खेल रहे थे। मेरी आंतों में गांठ थी जिसके लिए सर्जरी की जरूरत पड़ी। आकाश रोज प्रैक्टिस के बाद मुझसे अस्पताल मिलने आते थे। वह मेरे लिए बहुत चिंतित रहते थे। ज्योति को अप्रैल 2025 में स्टेज थ्री कोलोन कैंसर का पता चला था। वह लखनऊ में अपने पति के साथ रहती हैं जो एक पब्लिक बैंक में कार्यरत हैं। आकाश ने भावनात्मक होकर कहा, जब भी गेंद मेरे हाथ में होती थी मेरी बहन के ख्याल मेरे मन में आते थे। उन्होंने मैच के बाद क्रिकेटर से टीवी कमेंटेटर बने चेतेश्वर पुजारा से कहा, मैं उससे कहना चाहता हूं, बहन, हम सब तुम्हारे साथ हैं।
कोलन कैंसर के लक्षण:
शुरुआती चरणों में कोलन कैंसर के कोई खास लक्षण नहीं हो सकते हैं। हालांकि, जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, खासकर स्टेज 3 में, कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं: आंत्र की आदतों में बदलाव: लगातार दस्त या कब्ज, या मल की स्थिरता में बदलाव (जैसे पतला मल)। मल में खून आना: मल में लाल या गहरे रंग का खून, या मलाशय से रक्तस्राव। पेट में बेचैनी: लगातार पेट दर्द, ऐंठन, गैस, या पेट भरा हुआ महसूस होना। अधूरा मल त्याग का अहसास: ऐसा महसूस होना कि मल त्याग के बाद आंत पूरी तरह से खाली नहीं हुई है।
अकारण वजन कम होना: बिना किसी वजह के वजन घटना। कमजोरी या थकान: एनीमिया (खून की कमी) के कारण लगातार कमजोरी और थकान महसूस होना।
मुश्किलों से भरा सफर: पिता और भाई को खोने का दर्द
आकाश दीप का जीवन सिर्फ क्रिकेट के मैदान पर ही चुनौतियों से भरा नहीं रहा है। टेस्ट डेब्यू (जुलाई 2024) करने से कई साल पहले उन्होंने कुछ ही महीनों के भीतर अपने पिता (एक स्कूल शिक्षक) और बड़े भाई दोनों को खो दिया था। यह किसी भी इंसान के लिए एक बहुत बड़ा सदमा होता है लेकिन आकाश ने इन त्रासदियों के बावजूद हिम्मत नहीं हारी। उनकी बहन ज्योति ने बताया, मेरे पिताजी एक शिक्षक थे और आकाश को खूब पढ़ने और आगे बढ़ने को कहते थे लेकिन मेरे भाई को सिर्फ क्रिकेट में ही दिलचस्पी थी। वह टूर्नामेंट खेलने जाने से पहले हमें बता देते थे और हमसे पैसे उधार लेते थे जो वह जीतने के बाद लौटा देते थे। चूंकि उस समय बिहार क्रिकेट बोर्ड पर रणजी ट्रॉफी से प्रतिबंध लगा हुआ था इसलिए आकाश बंगाल चले गए जहां उन्होंने स्थानीय मैच खेलकर अपने खर्च खुद उठाए।
आकाश दीप की मां लडोमा देवी कहती हैं कि उनके बेटे ने कई निजी त्रासदियों का सामना करने के बावजूद असाधारण साहस दिखाया है, लेकिन वह हमेशा खुद को संभाल लेते और हर दिन क्रिकेट के मैदान पर होते थे। रविवार को, परिवार ने टीवी पर मैच देखा और आकाश के प्रदर्शन से बहुत खुश हुए। लडोमा देवी ने कहा, उसने उसी कौशल से गेंदबाजी की जो उसने रांची में अपने डेब्यू मैच के दौरान दिखाया था, जहां वह तीन विकेट लेने में सफल रहा था। मैच के बाद उसने हमें फोन किया और मैंने उससे कहा कि ऐसे ही खेलो और देश का नाम रोशन करो।”
देश का गौरव, बहन का सहारा
आकाश दीप की बहन अखंड ज्योति ने बताया कि इंग्लैंड दौरे पर जाने से पहले उन्होंने भाई आकाश दीप से बात की थी और उनसे कहा था कि वह उनकी तबीयत की चिंता न करें और देश के लिए खेलने पर ध्यान दें। ज्योति ने कहा कि जब उन्होंने अपने भाई का प्रदर्शन देखा तो वह बेहद खुश हुईं। उनके शानदार परफॉर्मेंस से पूरे परिवार के चेहरे पर मुस्कान आ गई जो बुरे वक्त से गुजर रहा है। ज्योति ने यह भी बताया कि वह कैंसर के अंतिम स्टेज पर हैं और उनके इलाज में अभी 6 महीने और लगेंगे।
ज्योति ने कहा, जब आकाश विकेट लेता है तो मुझे बहुत खुशी होती है। जब भी उसे विकेट मिलता है हम सभी इतनी जोर से ताली बजाना और जय-जयकार करना शुरू कर देते हैं कि कॉलोनी के पड़ोसी पूछते हैं कि क्या हुआ। उनकी बहन ने यह भी बताया कि एजबेस्टन में भारत की पहली जीत के बाद वीडियो कॉल पर तेज गेंदबाज से बात करने के बाद वह रो पड़ीं। अखंड ज्योति ने कहा, ऐसा भाई दुर्लभ होता है। वह हमारी बहुत मदद करता है और हमसे बात किए बिना कुछ भी नहीं करता है। वह परिवार के साथ हर बात साझा करता है। चूंकि हमारे पिता और सबसे बड़ा भाई अब हमारे साथ नहीं हैं इसलिए वह ही अब पूरा घर संभाल रहा है।
आकाश दीप सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं बल्कि एक ऐसे बेटे और भाई हैं, जिन्होंने हर मुश्किल का सामना हिम्मत और जज्बे से किया है। उनकी यह जीत सिर्फ मैदान पर नहीं, बल्कि लाखों दिलों में भी जगह बना चुकी है।