यह फैसला रविवार को तालकटोरा स्थित एक सामूहिक बैठक में लिया गया, जिसमें बड़ी संख्या में आउटसोर्स कर्मचारी, यूनियन प्रतिनिधि और संविदा कर्मी शामिल हुए। बैठक में एकमत से यह निर्णय लिया गया कि यदि छंटनी को वापस नहीं लिया गया, तो यह केवल घेराव तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्रदेशव्यापी आंदोलन का रूप ले सकता है।
क्या है मामला
बीते सप्ताह अचानक दर्जनों आउटसोर्स कर्मचारियों को सेवा से मुक्त कर दिया गया, जिनमें से अधिकतर बिजली घरों, उपकेंद्रों और कस्टमर केयर में तैनात थे। छंटनी की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई, न ही कारण स्पष्ट किया गया। इससे प्रभावित कर्मचारी आर्थिक संकट में आ गए हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें कई सालों से न्यूनतम वेतन पर कार्य कराया गया और जब स्थायी नियुक्ति की उम्मीद जगी, तब उन्हें हटा दिया गया। इसके खिलाफ उन्होंने न्याय और रोजगार की बहाली की मांग की है। तालकटोरा बैठक: एकजुटता का ऐलान
रविवार को हुई बैठक में कर्मचारी संगठनों ने निर्णय लिया कि 6 मई को मध्यांचल एमडी कार्यालय का घेराव किया जाएगा। यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण लेकिन सशक्त होगा। यूनियन नेताओं ने साफ कहा कि यदि मांगें नहीं मानी गईं, तो कार्य बहिष्कार भी किया जाएगा। यूनियन प्रतिनिधि रमेश यादव ने कहा, “हमने वर्षों तक बिना किसी सुरक्षा और सुविधाओं के कार्य किया है। अब अचानक निकाले जाना मानवाधिकारों का उल्लंघन है। यह केवल नौकरी नहीं, बल्कि हमारे परिवारों के भविष्य का प्रश्न है।”
मध्यांचल एमडी पर निशाना
कर्मचारियों ने सीधे तौर पर एमडी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वे आउटसोर्स नीति के नाम पर शोषण कर रहे हैं। प्रदर्शन का लक्ष्य है कि एमडी कार्यालय तक अपनी आवाज पहुंचाई जाए और उचित समाधान निकाला जाए। कर्मचारियों का कहना है कि वे कोर्ट का भी रुख कर सकते हैं यदि प्रशासन ने समाधान नहीं निकाला।
राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का समर्थन
इस प्रदर्शन को अब विभिन्न सामाजिक संगठनों और कुछ राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिलने लगा है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ विधायक भी इस मुद्दे पर सरकार से सवाल पूछने की तैयारी में हैं। क्या कहते हैं विभागीय अधिकारी
हालांकि विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन आंतरिक सूत्रों का कहना है कि यह छंटनी नवीन बजट नीति और लागत कटौती का हिस्सा है। लेकिन विभाग यह नहीं बता सका कि आखिर किन मापदंडों पर कर्मचारियों का चयन छंटनी के लिए किया गया।
कर्मचारियों की मांगें
- सभी निकाले गए कर्मचारियों की तत्काल बहाली
- स्थायी नौकरी या न्यूनतम 5 वर्षों का कॉन्ट्रैक्ट
- आउटसोर्स पॉलिसी में पारदर्शिता
- कर्मचारियों को मेडिकल और सुरक्षा बीमा
- एमडी से सीधा संवाद की व्यवस्था
6 मई को क्या होगा
- सुबह 10 बजे से कर्मचारी लखनऊ के मध्यांचल एमडी कार्यालय के सामने एकत्र होंगे
- भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की संभावना
- सोशल मीडिया और प्रेस के माध्यम से प्रचार
- यदि समाधान नहीं निकला तो अगले सप्ताह से कार्य बहिष्कार की घोषणा हो सकती है