scriptMock drill: सारे देश में नहीं होगा ब्लैक आउट, जानिए क्या-क्या होगा ? कैसे परखी जाएगी तैयारी ? | India's Massive Civil Defence Mock Drill on May 7: What to Expect | Patrika News
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Mock drill: सारे देश में नहीं होगा ब्लैक आउट, जानिए क्या-क्या होगा ? कैसे परखी जाएगी तैयारी ?

Mock drill: भारत ने पाकिस्तान से संभावित युद्ध के मद्देनज़र एक उच्च स्तरीय मॉक ड्रिल की तैयारी की है, जिसमें सैन्य, वायु और आपातकालीन सेवाएं संयुक्त रूप से अभ्यास करेंगी। यह ड्रिल देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा तैयारियों और जवाबी क्षमताओं का आकलन करेगी।

भारतMay 06, 2025 / 11:37 pm

M I Zahir

India Mock Drill

India Mock Drill

Mock Drill 2025: भारत के रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर बुधवार को देश के कई सीमावर्ती क्षेत्रों में एक व्यापक मॉक वॉर ड्रिल (India mock drill 2025 ) होगी। यह नागरिकों की सुरक्षा की रिहर्सल होगी। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान से युद्ध जैसी स्थिति में भारत की सैन्य और नागरिक बचाव की तैयारियों को परखना है। इसके अलावा नागरिक सुरक्षा विभाग (Civil Defense Department) अपनी सजगता का परिचय देगा। मॉक ड्रिल (Mock drill) में थल सेना, वायुसेना, नेवी के साथ-साथ एनडीआरएफ, राज्य आपदा बल, और खुफिया एजेंसियां भी हिस्सा लेंगी। ड्रिल में “युद्ध की स्थिति में पहले 24 घंटे की रणनीति” पर विशेष फोकस होगा।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई को मॉक ड्रिल कराने का आदेश

पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई को मॉक ड्रिल कराने का आदेश जारी किया है। इस दौरान नागरिकों को हमले के दौरान बचने की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह मॉक ड्रिल 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट (नागरिक सुरक्षा जिले) में होगी। इसका मकसद सिविल डिफेंस की तैयारी करना है। देश में आखिरी बार मॉक ड्रिल 1971 में हुई थी। हालांकि रविवार-सोमवार रात पंजाब के फिरोजपुर छावनी में ब्लैकआउट प्रैक्टिस की गई। इस दौरान गांवों और मोहल्लों में रात 9 बजे से 9: 30 बजे तक बिजली बंद रही। अधिकारियों ने लोगों को अभ्यास के दौरान संयमित रहने और स्थानीय अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है। नागरिकों से पानी, दवा और टॉर्च जैसी आवश्यक वस्तुओं को अपने पास रखने का आग्रह किया जाता है। मॉक ड्रिल के दौरान अपेक्षा की जाती है, नागरिक इसे गंभीरता से लें।

मॉक ड्रिल में क्या-क्या होगा?

-हवाई हमले की चेतावनी देने का सायरन बजाया जाएगा।
-शाम के वक्त ब्लैकआउट यानी बत्तियां बुझाकर अंधेरा किया जाएगा।
-आम नागरिकों को हमले के वक्त बचाव से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाएगी।
-अहम और संवेदनशील प्रतिष्ठानों को दुश्मन की नजर से बचाना।
-जोखिम वाली जगहों को खाली कराना और उन्हें सुरक्षित स्थानों तक ले जाने का अभ्यास करना।
-विद्यार्थियों और सिविल डिफेंस को ट्रेनिंग दी जाएगी, आपात स्थिति में सुरक्षा की तैयारी परखी जाएगी।
-कंट्रोल रूम के संचार उपकरणों को जांचा जाएगा।

मॉक ड्रिल के दौरान क्या करें

-शांत रहें और स्थानीय निर्देशों का पालन करें। अधिकारियों का सहयोग करें।
-पानी, दवाइयां और टॉर्च जैसी बुनियादी आपूर्ति तैयार रखें।
-सोशल मीडिया पर अफवाहों या असत्यापित खबरें साझा करने से बचें।
-यदि बिजली या इंटरनेट कुछ समय के लिए बंद हो जाए तो घबराएं नहीं
-आधिकारिक अपडेट के लिए रेडियो या सरकारी चैनल सुनें।

इन बातों के लिए तैयार रहे

निवासियों को अस्थायी रूप से बिजली की कटौती, मोबाइल सेवाओं में कटौती, सिग्नल ब्लैकआउट या यहां तक कि कुछ पुलिस यातायात के मार्ग बदला जा सकता है। मोबाइल अधिकारी सार्वजनिक घोषणाएं और निकासी सिमुलेशन भी कर सकते हैं। पुलिस और अर्धसैनिक इकाइयां कुछ स्थानों पर छद्म युद्ध आपातकाल में भी शामिल हो सकती हैं।

सायरन की खासियत

यह तेज आवाज में चेतावनी प्रणाली है। यह 120 से 140 डेसिबल की आवाज करता है, जो दो से ढाई किलोमीटर तक सुनाई देते हैं। इसकी आवाज में एक साइक्लिक पैटर्न होता। आवाज धीरे-धीरे बढ़ती और फिर कम होती है।

सायरन बजने पर क्या करें ?

-तत्काल सुरक्षित स्थानों पर जाएं। अधिकतम 5 से 10 मिनट की दूरी पर घर या अन्य सुरक्षित इमारतों की तरफ जाएं। खुले स्थानों से हट जाएं। इस दौरान पैनिक न हों और टीवी, रेडियो पर सरकारी अलट्स को सुनें।

कहां लगेंगे सायरन ?

सरकारी भवन,प्रशासनिक भवन,पुलिस मुख्यालय,फायर स्टेशन,सैन्य ठिकाने,बड़े बाजार व भीड़भाड़ वाली जगह।

अभ्यास में ये शामिल

जिला अधिकारी,स्थानीय प्रशासन,सिविल डिफेंस वार्डन,पुलिसकर्मी,होम गार्ड्स,विद्यार्थी,एनसीसी,एनएसएस व
नेहरू युवा केंद्र संगठन।

भाजपा कार्यकर्ता मॉक ड्रिल में बनेंगे मददगार

मॉक ड्रिल के लिए भाजपा ने भी तैयारी तेज कर दी है। भाजपा ने 12 करोड़ कार्यकर्ताओं से वालंटियर बनने की अपील की है। राहत एवं बचाव कार्य में पार्टी कार्यकर्ता सहयोग करेंगे। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने देशभर में होने वाली मॉक ड्रिल में भी भाग लेने की अपील की है। सभी प्रदेश अध्यक्षों से बूथ लेवल तक अपील पहुंचाने को कहा गया है। भाजपा के कार्यकर्ता गांव गांव जाकर नागरिकों को संकट की स्थिति में बचाव की ट्रेनिंग देंगे।

क्या है सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल ?

इस मॉक ड्रिल को गृह मंत्रालय की निगरानी में आयोजित किया जा रहा है। ये अभ्यास उन जिलों में हो रहे हैं जिन्हें सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट कहा जाता है – ये जिले सामान्य प्रशासनिक जिलों से अलग हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से संवेदनशील माने जाते हैं। भारत सरकार की ओर से 7 मई को होने वाली सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल को लेकर सोशल मीडिया और कुछ खबरों में यह दावा किया जा रहा है कि “पूरे देश में ब्लैकआउट होगा”, लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रव्यापी ब्लैकआउट नहीं किया जाएगा।

आखिर मॉक ड्रिल में होगा क्या?

यह मॉक ड्रिल केवल चयनित सिविल डिफेंस जिलों में आयोजित की जा रही है और इसका मकसद है आपदा के समय लोगों, एजेंसियों और प्रशासन की तैयारी और तालमेल की जांच करना।
हाई अलर्ट पर एयरफोर्स बेस और आर्मी यूनिट्स।

अचानक सायरन बजाकर रेस्पॉन्स चेक किया जाएगा।

राहत और बचाव टीमें सक्रिय की जाएंगी, जैसे फायर ब्रिगेड, NDRF और स्वास्थ्य दल।

लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया का अभ्यास किया जाएगा।
संचार माध्यमों की कार्यक्षमता (जैसे वायरलेस, सेटेलाइट फोन आदि) को जांचा जाएगा।

हॉस्पिटल, स्कूल और सार्वजनिक स्थानों पर आपातकालीन प्लान को सक्रिय किया जाएगा।

ब्लैकआउट की सच्चाई क्या है?

यह केवल एक संकट पर आधारित परिकल्पना (simulation) है, जिसमें कुछ इलाकों में प्रतिनिधिक रूप से बिजली या मोबाइल नेटवर्क डाउन होने का अभ्यास हो सकता है। यहन केवल सीमित और नियंत्रित रूप से किया जाएगा, पूरे शहर या देश में बिजली बंद नहीं होगी।

मॉक ड्रिल क्यों ज़रूरी है?

हाल की वैश्विक और सीमा-पार घटनाओं के चलते, भारत सरकार चाहती है कि सभी जिलों की आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली समय रहते सक्रिय हो सके इससे यह भी जांचा जाएगा कि यदि बड़ी आपदा या युद्ध जैसी स्थिति बने, तो आम नागरिक और प्रशासन कैसे प्रतिक्रिया देगा भारत के गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 5 मई को इस ड्रिल के आदेश दिए थे। इसका मकसद युद्ध या आतंकी हमले जैसी परिस्थितियों में नागरिकों और बचाव टीमों की तत्परता जांचना है। दिल्ली में हुई एक हाई लेवल बैठक में इस मॉक ड्रिल की तैयारियों की समीक्षा की गई। इसमें राज्यों के मुख्य सचिव और सिविल डिफेंस अधिकारी भी शामिल हुए।

नागरिकों को दिए जाएंगे सुरक्षा के निर्देश

गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि नागरिकों को घर पर एमरजेंसी किट रखनी चाहिए जिसमें शामिल हों:

दवाइयों का बॉक्सटॉर्च, मोमबत्तियां,कुछ नकद रुपये,जरूरी राशन और पीने का पानी।
डिजिटल ट्रांजैक्शन फेल हो सकते हैं, इसलिए नकद और ज़रूरी संसाधनों को संभालकर रखना जरूरी है।

राज्यों में दिखेगा मॉक ड्रिल का असर

मॉक ड्रिल के दौरान जैसे ही सायरन बजे, लोग जमीन पर लेट जाएं और कानों को ढक लें। उन्हें गोली लगने, धमाके और आग लगने जैसी परिस्थितियों में खुद को सुरक्षित रखने की ट्रेनिंग दी जाएगी। वॉलंटियर्स को बताया जाएगा कि घायलों को अस्पताल कैसे पहुंचाया जाए और फर्स्ट एड कैसे दी जाए।

जान लीजिए, यहां होगा ब्लैक आउट

देश भर में लोग रात से ही यह पता करते रहे कि ​कहां पर ब्लैक आउट है और कहां नहीं है। आपकी सुविधा के लिए यहां जानकारी दी जा रही है। आप अपने परिचितों, मित्रों और रिश्तेदारों को बता सकते हैं कि कहां पर ब्लैक आउट है और कहां नहीं है। भारत सरकार से प्राप्त अधिकृत जानकारी के अनुसार भारत में इन जगहों पर ब्लैक आउट होगा:
पोर्ट ब्लेयर,हैदराबाद,विशाखापत्तनम,आलोग,ईटानगर,तवांग,हायूलिंग,बोंगईगांव,डिब्रूगढ़, डबरी,गोलपारा, जोरहट,शिवसागर, तिनसुकिया,तेजपुर,डिगबोई,डिलियाजन,गुवाहाटी,रंगिया,नामरूप,नजिरा, नॉर्थ लक्ष्मीपुर,नुमालीगढ़,बरौनी, कटिहार, पटना, पुर्णिया,चंडीगढ़,दुर्ग,दादरा,दमन,दिल्ली,बालासोर,कोरापुट,भुवनेश्वर,गोपालपुर,हीराकुंड,पाराडीप,राउरकेला, पुड्डचेरी,अमृतसर ,भटिंडा,फिरोजपुर,गुरदासपुर,होशियारपुर,जालंधर,लुधियाना,पटियाला, पठानकोट,बरनाला,अदहमपुर,बाकरा नंगल, हलवारा, कोटकापुर,बटाला,मोहाली,अबोहर,अजमेर,अलवर,बाड़मेर,भरतपुर,बीकानेर,बूंदी,श्रीगंगानगर,हनुमानगढ़,जयपुर,जैसलमेर,जोधपुर,उदयपुर,सीकर,नल,सूरतगढ़,आबू रोड,नसीराबाद,भिवाड़ी,आगरा,इलाहाबाद, बरेली,गाजियाबाद,गोरखपुर, झांसी,कानपुर, लखनऊ,मथुरा,मेरठ,मुरादाबाद,सहारनपुर,वाराणसी,मुगलसराय,सरसावा,बुलंदशहर,बागपत,मुजफ्फरनगर,बेगूसराय,बोमडीला,डरांग,गोलाघाट,भदरक,डेनकनाल,जगतसिंहपुर,केंद्रपारा,फरीदपुर,रोपड़,संगरूर,फुलेरा,नागौर,जालौर,बेवर,लालगढ़,सवाई माधोपुर,पाली,भीलवाड़ा,कूचविहार,दर्जिलिंग जलपाईगुड़ी,मालदा,सिलीगुड़ी,ग्रेटर कोलकाता,दुर्गापुर,हलदिया, हाशिमपुरा, खड़गपुर,आसनसोल,फरक्का,चितरंजन,बालुरघाट,अलीपुरवार,रायगंज, इस्लामपुर,दिनहाटा,मक्कीगंज,मठाबांगरा, कलीमपोंग, जालडका,कुरसोंग, कोलाघाट, बर्धमान,बीरभूम, ईस्ट मदिनापुर,वेस्टमदिनापुर, हावड़ा,हुगली,मुर्शिदाबाद, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर,जबलपुर और कटनी।

अंधेरे का मतलब पूरा अंधेरा

जानकारों का कहना है कि यह सन 1965 या 1971 नहीं है। यह साइबर युग है और अगर ब्लैक आउट के दौरान आपके मोबाइल, कम्प्यूटर या लैपटॉप की लाइट जलती है तो भी दुश्मन को पता चल जाएगा, इसलिए इस दौरान मोबाइल की लाइट भी नहीं जलनी चाहिए।

सेना व नागरिक प्रशासन से विशेष व्यवस्था

एयरफोर्स स्टेशन (जैसे पठानकोट, अंबाला, सिरसा, जैसलमेर) पर भी हाई अलर्ट।

रेल और सड़क मार्गों के जरिए सेना की त्वरित मूवमेंट का अभ्यास।

स्थानीय प्रशासन और नागरिक सुरक्षा बलों की भी सहभागिता।

ड्रिल के राजनीतिक और कूटनीतिक संकेत

यह मॉक ड्रिल ऐसे समय में हो रही है जब पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और भारत पर आतंकी हमलों की आशंका के चलते सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। भारत ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कूटनीति भी तेज़ कर दी है। इस ड्रिल को पाकिस्तान के लिए एक सख्त संदेश माना जा रहा है कि भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

दुश्मन को टारगेट नजर न आए, इसलिए ब्लैक आउट किया जाता है

भारतीय सेना के मेजर जनरल रानूसिंह राठौड़ (रिटायर्ड) ने कहा कि मॉक ड्रिल रक्षा का सवाल है और यह खुद का सिस्टम है, इसमें हवाई हमले को नाकाम करने के लिए कदम उठाए जाते हैं। इसका मकसद है, हवाई हमला होने पर दुश्मन को कहीं से रोशनी नजर न आए। यह हमारे बचाव के लिए होता है। उन्होंने कहा कि दुश्मन को टारगेट नजर न आए, इसलिए ब्लैक आउट किया जाता है। शहरी आबादी को सचेत करना जरूरी है। इसका मकसद यह है कि दुश्मन को नजर न आए कि हमला कहां करूं, साइरन बजे तो अंधेरा हो जाए, सुरक्षा के लिए मोर्चे बनाओ और अगर अंडर ग्राउंड हो तो वहां चले जाओ।

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