मुस्लिम धर्मगुरुओं ने की बैठक की निंदा
मुस्लिम धर्मगुरुओं के अलावा इस पूरे मामले में भाजपा समाजवादी पार्टी पर हमलावर है और अखिलेश यादव के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करने की चेतावनी भी दी है। वहीं, सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी के खिलाफ भी विरोध किया जा रहा है। इस पूरे मामले में हो रही सियासत के बीच कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने निंदा की है।
अखिलेश यादव इतने भोले नहीं…
गुरुवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि मैंने इसके बारे में सुना है और कुछ तस्वीरें भी वायरल हुई हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मस्जिद के अंदर कोई बैठक हुई होगी। हो सकता है कि संसद से बाहर आने के बाद स्थानीय इमाम, जो सांसद भी हैं उन्होंने उन्हें चाय या जलपान के लिए रोका हो। वरना, जहां तक मस्जिद के अंदर बैठक की बात है, मेरा मानना है कि न तो इमाम इसकी इजाजत देंगे और न ही अखिलेश यादव इतने भोले हैं कि मस्जिद के अंदर बैठक करेंगे। हालांकि, उन्होंने मस्जिद के दुरुपयोग की कड़ी निंदा की और कहा कि अगर मस्जिद के अंदर बैठक की गई है तो इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। यह गलत है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। तौकीर रजा ने इस बात पर जोर दिया है कि आजादी की लड़ाई के दौरान मस्जिदों का इस्तेमाल ऐतिहासिक रूप से अंग्रेजों के खिलाफ छिपकर मीटिंग के लिए हुआ था, लेकिन सियासत के लिए इसका उपयोग अस्वीकार्य है।
धर्मनिरपेक्षता और इंसानियत की बात
उन्होंने सांसदों को सतर्क रहने की सलाह दी ताकि मस्जिद के नियमों का उल्लंघन न हो। साथ ही, उन्होंने धर्मनिरपेक्षता और इंसानियत पर जोर देते हुए कहा कि टोपी पहनकर या हिंदू-मुसलमान के बीच नफरत फैलाने की कोशिश गलत है। अच्छे अमल और दोस्ती को बढ़ावा देना चाहिए।एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुसलमानों को मुसलमान कहलाने पर गर्व होना चाहिए न कि शर्मिंदगी। अगर कोई मुसलमान खुद की पहचान को छिपाता है तो हमें ऐसे मुसलमानों की जरूरत नहीं है।