इन दिनों आम लोगों के पास इस तरह के कॉल आ रहे हैं, जिसमें एक लड़की रोती-गिड़गिड़ाते हुए बात करती है। वह अपनी पढ़ाई, जॉब, करियर का हवाला देती है। ऑनलाइन दर्ज किए मोबाइल नम्बर में एक डिजिट आगे-पीछे दर्ज कर देने की गलती का पछतावा करती है। कहती है कि मोबाइल नम्बर लिखने में हुई गलती में आपका नम्बर दर्ज हो गया है और ओटीपी उस पर आ रहा है। जिंदगी का सवाल होने की दुहाई देते हुए ओटीपी मांगती है। जो बता देते हैं, उनके बैंक खाते खाली हो जाते हैं। क्योंकि कॉल करने वाली लाचार लड़की के पीछे साईबर अपराधियों की गैंग काम कर रही होती है।
यह भी जानें स्थिति
45 प्रतिशत साइबर क्राइम बढ़े दो साल में 107 करोड़ की ठगी पिछले साल पकड़ी 2.5 लाख सिम ब्लॉक किए बीते साल 18 तरीकों से फ्रॉड सामने आ चुके हैं
केस 01
सेक्टर-4 निवासी मनन के पास कॉल आया। लड़की ने गिड़गिड़ाते हुए कहा कि दिल्ली में फायर ऑफिसर में सलेक्शन हुआ है। लेकिन, जॉइन नहीं कर पा रही है, क्योंकि गलती से आवेदन में आपका नम्बर लिख दिया है, जो मेरे नम्बर से मिलता-जुलता है। वेरिफिकेशन के लिए ओटीपी आपके पास आया है, बता दीजिए, नहीं तो जॉइन नहीं कर पाऊंगी। युवक नजरअंदाज करके फ्रॉड से बचा।
केस 02
मल्लातलाई निवासी इमरान के पास कॉल आया। लड़की ने रोते हुए कहा कि कॉलेज से स्कॉलरशिप मिलनी है, लेकिन उसके मोबाइल नम्बर में एक डिजिट आगे-पीछे हो गया, जो आपका नम्बर है। ओटीपी के बिना स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी। आगे की पढ़ाई नहीं कर पाएगी, गरीब लड़की है और जिंदगी खराब हो जाएगी। युवक ने साइबर सिक्योरिटी के टोल फ्री नम्बर पर शिकायत की है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
उदयपुर पुलिस के साइबर एक्सपर्ट हिरणमगरी थाने के कांस्टेबल राजकुमार जाखड़ कहते हैं कि इस तरह के कॉल आने की जानकारी मिल रही है। कॉलर चाहे कितनी भी लाचारी, परेशानी क्यों न दिखाए, भूलकर भी ओटीपी नहीं दें। साइबर एक्सपर्ट मानस त्रिवेदी ने बताया कि साइबर अपराधी लाचार लड़की बनकर कॉल करते है। जो लड़के होते है, ये एआइ से आवाज बदलकर कॉल करते हैं।