जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत इस बार प्रशासन प्राचीन जलस्रोतों को सहेजने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करता दिखाई दे रहा है। ऐसे में प्रशासन ने इस बार नगरीय क्षेत्र में बंडा नाला नहर के साथ ही प्राचीन बावड़ियों को संरक्षित करने की दिशा में काम शुरू किया है। यह अभियान बुधवार से शुरू कर दिया गया। सुबह से बंडा नाला नहर पर पहुंचे अमले ने यहां पर सफाई शुरू कर दी है।
नहाते थे लोग
इस नाला का निरीक्षण करने पहुंचे सीएमओ ओमपाल सिंह को यहां पर दो-तीन जगहों पर बड़े सपाट पत्थर दिखाई दिए। इन पत्थरों के बारे में जानकारी करने पर पता चला कि यहां पर पहले लोग इस नहर में नहाया करते थे। उन्हें वर्तमान की स्थिति देखकर यकीन नहीं हो रहा था कि इस नहर का पानी भी इतना साफ होता था। ऐसे में उनका कहना था कि पूरा प्रयास किया जाएगा कि नहर को पहले की तरह स्वच्छ बनाया जा सके।
यह किया जाएगा काम
- पूरे नाले का कचरा हटाया जाएगा, इसके लिए दो डंपर, तीन ट्रैक्टर, एक जेसीबी मशीन काम पर लगी है।
- नाले में उगे सभी पेड़ काटे जाएंगे।
- कचरा डालने वालों को नोटिस जारी किए जाएंगे।
- नाले में आ रहे सीवर के गंदे पानी को दूर करने अलग से नाली बनाकर पानी बाहर निकाला जाएगा।
- नाले में स्थाई और अस्थाई अतिक्रमण हटाए जाएंगे।
- नाले को पक्का करने के लिए योजना तैया कर स्पेशल असिस्मेंट और भारत सरकार की जल संरक्षण योजना से बजट लाने का प्रयास किया जाएगा।