बाजार खुले पर ग्राहकी गायब, गलियों में पसरा सन्नाटा
– बॉर्डर पर भारत-पाक में बना तनाव हर आदमी पर असर


श्रीगंगानगर. भारत-पाक बॉर्डर सटे इस जिले में पिछले चौबीस घंटे में शांति बनी रही। सीमा पार की ओर से कोई गतिविधियां सामने नहीं आई लेकिन लोगों में संशय का माहौल अब तक बना हुआ है। बाजार खुला लेकिन चहल पहल देखने को नहीं मिली। ग्राहकी गायब हो चुकी थी। शादियों के इस सीजन में ग्राहकी अधिक रहती है लेकिन बॉर्डर पर उपजे तनाव का ग्रहण अधिक हावी हो रहा है। यही हाल पुरानी आबादी, सेतिया कॉलोनी, दुर्गा मंदिर मार्केट एरिया में हालात कमोबेश यही थी। इधर, मैरिज पैलेसों में बिना बैंड बाजों से शादी की रस्म अदायगी हुई। डीजे साउंड पर नााचकर खुशी का इजहार करने जैसा जोश गायब हो चुका था। जिला प्रशासन ने शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक ब्लेक आउट के आदेश बने हुए है, ऐसे में रात दस बजे से लेकर तड़के चार बजे तक पूरा इलाका अंधेरे में डूबा रहा।
अब सिर्फ राशन खरीदने पर फोकस
ज्यादातर परिवारों में राशन खरीदने का फोकस बन गया है। दो दिन पहले एकाएक लॉक डाऊन लगा तब लोगों को यह महसूस हुआ कि कोरोनाकाल की तरह बीस दिनों तक दुकानें नहीं खुलेगी। यदि खुली भी तो दुगुने दाम हो जाएंगे, इस आंशका के चलते अब राशन का स्टॉक जमा करने पर फोकस बनता जा रहा है। किरायाना दुकानदार नरेश कुमार का कहना है कि लोग दो से तीन माह का राशन खरीद रहे है। वहीं ऑन लाइन ऑर्डर से राशन की आवक भी ज्यादा होने लगी है। इधर, थोक विक्रेता मुनीष का मानना है कि रिटेल दुकानदारों ने राशन के सामान के ऑर्डर ज्यादा दिए है। ग्रामीण क्षेत्र के दुकानदार जिला मुख्यालय पर एक साथ ज्यादा राशन सामन खरीदने के लिए थोक विक्रेताओं के यहां पहुंचे। राशन का सामान दस प्रतिशत महंगा बिकने लगा है।
यहां बदले सुर, खूब बिका पेट्रोल
पेट्रोल पंपों पर चौबीस घंटे आई किल्लत एकाएक उडन छू हो गई। पंपों पर पेट्रोल आसानी से मिल रहा था। पंपों भी लोग अब एक लीटर की बजाय दो से तीन लीटर पेट्रोल खरीदने को मजबूर हो गए है। बॉर्डर पर उपजे तनाव के चलते पंप संचालक भी जिला प्रशासन की ओर से उठा जाने वाले कदमों पर निगरानी रख रहे है। निर्धारित स्टॉक का हवाला देकर पेट्रोल की बिक्री कर देते है। इस संबंध में लोगों ने रसद अधिकारी को शिकायत भी की लेकिन उन्होंने ऑयल कंपनियों की व्यवस्था बताकर पल्ला झाड़ लिया।
छोटे दुकानदारों पर छाया संकट
कई मिठाई के कारीगरों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि बाजार खुला लेकिन इनकी भरपाई नहीं हो पाई। इन लोगों का कहना था कि 11 से 14 मई के सावों की बुकिंग की हुई थी। लेकिन अब हालात सामान्य होने तक ऐसी शादियों में खर्च करने का दायरा एकाएक घट गया है। ऐसे में कई क्विंटल मिठाइयां बनाने की प्रक्रिया रोक दी गई है। हलवाई सुरेश का कहना था कि एक शादी में औसतन डेढ़ से दो क्विंटल मिठाई बनाने का ऑडर कैँसिल हो चुका है। इधर, बैंड बाजों, डीजे साउंड, मोबाइल लाइटिंग और फूलवालों के धंधे पर एकाएक असर पड़ा है।
ट्रेन चली लेकिन यात्री सीमित
श्रीगंगानगर-हरिद्धार के बीच चलने वाली इंटरसिटी ट्रेन अपने निर्धारित समय पर रवाना हुई। इस ट्रेन में सामान्य दिनों में रहने वाली भीड़ नजर नहीं आई। गिनती के लोग ही हरिद्वार तक सफर कर पाए। ज्यादातर यात्रियों ने शनिवार सुबह बॉर्डर पर बिगड़े हालात को देखते हुए अपनी टिकट कैंसिल करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, शाम तक हालात में बदलाव भी आया लेकिन लोगों ने जोखिम नहीं उठाया। इंदिरा कॉलोनी के संपत और उसकी पत्नी रेखा ने यात्रा नहीं करने का निर्णय लिया और टिकट कैसिंल कराने के बाद बताया कि वे नहीं चाहते कि संकट के इस घ़ड़ी में अपने परिवारिक सदस्यों का साथ छोड़कर घूमने जाए। इधर, जवाहरनगर की गुडडी देवी अपने परिवार के संग हरिद्धार के लिए रवाना हुई।
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