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श्री गंगानगर

दर्द से जूझते मरीजों के नायक होते हैं नर्सिंग स्टाफ

– अन्तरराष्ट्रीय नर्सिग दिवस: ये है दर्द से जूझते मरीजों के नायक

श्री गंगानगरMay 12, 2025 / 11:50 pm

surender ojha

श्रीगंगानगर। आईसीयू और वृद्ध वार्ड में मरीजों को ब्रीदींग ट्यूब लगाना, वेंटिलेटर पर रखना या बार-बार ड्रिप लगाना जैसे जटिल कार्य संक्रमण के खतरे को बढ़ाते हैं, लेकिन इन कार्यों में नर्सिंग स्टाफ की भूमिका अत्यंत अहम होती है। मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी नर्सिंग कर्मियों से ही प्राप्त होती है। जबकि डॉक्टर अक्सर आईसीयू या वार्ड में आते-जाते रहते हैं और इलाज का खाका खींचते हैं, असली हीरो हमारा नर्सिंग स्टाफ ही है। नर्सिंग कर्मचारी भी फौजियों की तरह दिन-रात डटे रहते हैं। वेंटिलेटर की बीप-बीप, सांसें उखड़ने की आवाजें, संक्रमण का खतरा, मरीजों का गुस्सा या आंखों में आंसू यह सभी उनके समक्ष हैं। किसी के बदन पर सूजन तो किसी की किडनी फेल हो चुकी होती है। इस कठिन परिस्थिति में नर्सिंग कर्मी ही मरीजों की बेडशीट बदलते हैं, सफाई करते हैं, उन्हें भोजन कराते हैं और उनकी देखभाल करते हैं। मरीज और उनके परिजनों के बीच, साथ ही चिकित्सकों के साथ भी नर्सिंग स्टाफ की भूमिका अहम है।
डयूटी पर सक्रिय रहने की जरूरत
महिला स्वास्थ्य दर्शिका परमजीत कौर फिलहाल मोहनपुरा के स्वास्थ्य केन्द्र पर सेवाएं दे रही है। रायसिहहनगर ब्लाॅक के झोंटावाली गांव में पहली ज्वाइनिंग की थी। इसके बाद कई स्वास्थ्य केन्द्रों पर काम किया। अनगणित प्रसव कराने में सक्रिय सहयोग किया। मोहनपुरा में अब 27 डिलीवरी करवा चुकी है। परमजीत कौर का मानना है कि महिलाओं के प्रसव के दौरान अच्छी देखभाल से जीवन बचाया जा सकता है। डयूटी पर सक्रिय रूप से रहने की जरुरत है।
प्रसुती कक्ष में काम करने की अधिक चुनौतियां
सूरतगढ़ सीएचसी की प्रसुती कक्ष की प्रभारी नर्सिंग ऑफिसर किरण का मानना है कि गर्भवती महिलाओं के दर्द और प्रसव के दौरान दर्द अधिक होता है। ऐसी महिलाओं को सहेली बनकर दर्द कम कराने का प्रयास किया जाता है। प्रसुती कक्ष में काम करने वाले कर्मचारियों को न केवल रोगियों के शारीरिक दर्द को समझना और सहन करना पड़ता है, बल्कि उन्हें उनका उचित उपचार भी करना होता है। यह कार्य ज्यादा जिम्मेदारी का रहता है। बच्चे का जन्म यादगार पल होता है, जो जीवनभर याद रहता है।
सेवा के दौरान दुआ की सौगात भी
सुमन इंदौरा पद महिला स्वास्थ कार्यकर्ता सुमन इंदौरा सादुलशहर क्षेत्र डूंगरसिंहपुरा पीएचसी में तैनात है। किसान परिवार की इस बेटी के पास एलएचवी का कार्य भी है और वे कोल्ड चैन, लेबर रूम का चार्ज आदि का भी प्रबंधन करती हैं। इस पीएचसी पर कुल 108 में से 82 महिलाओं का प्रसव सुमन ने कराया है। सुमन का मानना है कि इस क्षेत्र में सेवा कार्य के साथ साथ लोगों को दुआ भी मिलती है।
गंभीर रोगियों की जान बचाने में सुकून
जिलाचिकित्सालय के आईसीयू में नर्सिग ऑफिसर संदीप कौर का कहा है कि आइसीयू में गंभीर रोगी भर्ती है। इनकी जान बचाने में सुकून मिलता है। वर्ष 2015 में यहां संविदा पर एनसीडी में नर्सिंग ऑफिसर के रूप में काम किया। वर्ष 2020 तक उन्होंने इस पद पर काम किया। इसके बाद अप्रैल 2020 से वह स्थायी रूप से नर्सिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं। अपने कर्मक्षेत्र में उन्होंने रामाश्रय वार्ड, मेडिसिन वार्ड, और सीसीयू वार्ड में सेवाएं प्रदान की हैं।
एमरजेंसी के हीरो सुनील
जिला चिकित्सालय की आपातकालीन यूनिट मे नर्सिग कार्मिक सुनील कुमार नायक लम्बे समय से कार्यरत है | आपातकालीन यूनिट मे आने वाले हर मरीज को चिकित्सक से समन्वय कर तुरंत चिकित्सा उपलब्ध कराना बेहद गंभीर चुनौती होती है। जब मरीज के साथ कोई परिजन नही हो तो यह और भी चुनौतीपूर्ण होता है | लेकिन हमेशा शांत रहने वाले सुनील इसे सेवा मान कर अपना दायित्व खूबी निभाते है। अस्पताल प्रशासन से सम्मानित भी हो चुके है। 

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