जिले में अधिकतम दो बच्चों पर नसबंदी ऑपरेशन पर अधिक फोकस
राजस्थान सरकार ने दो बच्चों के बाद नसबंदी कराने को ही परिवार नियोजन का हिस्सा माना है। इससे दो से अधिक संतान होने पर की गई नसबंदी को लक्ष्य नहीं माना है। इस कारण अब जिले में अधिकतम दो बच्चों पर नसबंदी ऑपरेशन पर अधिक फोकस रखा गया है। इस वजह से अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से परिवार नियोजन के आंकड़े भी घट गए हैं।पिछले साल पड़ोसी था प्रदेश में टॉप
पिछले साल नसबंदी में पूरे प्रदेश में हनुमानगढ़ जिला टॉपर रहा। हनुमानगढ़ को 4189 नसबंदी का लक्ष्य मिला जबकि 5387 नसबंदी ऑपरेशन कर दिए। इसी प्रकार जालौर ने 3602 के बजाय 4437 नसबंदी ऑपरेशन किए। वहीं बारां जिले ने 2802 की बजाय 3203 नसबंदी, अजमेर ने 4337 निर्धारित से अधिक 4458 नसबंदी और दूदू ने 806 नसबंदी के लक्ष्य के मुकाबले 804 नसबंदी की। इस सूची में श्रीगंगानगर जिला नवें स्थान पर रहा।Food Security Scheme : गिवअप अभियान की अंतिम डेट बढ़ी, अब खाद्य विभाग कार मालिकों को भेजेगा नोटिस
घटने लगी जन्म दर की रफ्तार
डिप्टी सीएमएचओ डा.मुकेश मेहता का कहना है कि जिले में जन्म दर की रफ़्तार पर ब्रेक लगने लगा है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में श्रीगंगानगर जिले की जन्मदर 2 प्रतिशत से घटकर महज 1.88 प्रतिशत रह गई है। नसबंदी का मूल्यांकन अब दो ही संतान पर कराई गई नसबंदी के आधार पर किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय से हर साल का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है।भरतपुर में दर्दनाक हादसा, मौत कह कर नहीं आती! मिस्त्री ट्रोला की बदल रहा था कमानी…और ट्रक पलट गया
जिला – लक्ष्य – नसबंदी – लक्ष्य प्राप्ति
श्रीगंगानगर – 4523 – 1812 – 40.1 प्रतिशतहनुमानगढ़ – 4233 – 1682 – 39.7 प्रतिशत
सीकर – 7614 – 1583 – 20.8 प्रतिशत
अजमेर – 5725 – 1186 – 20.7 प्रतिशत
कोटपूतली – 3152 – 593 – 18.8 प्रतिशत
नागौर – 4178 – 767 – 18.4 प्रतिशत
जयपुर 2 – 7068 – 1296 – 18.3 प्रतिशत
बीकानेर – 5897 – 1081 – 18.3 प्रतिशत
झुंझुनूं – 5037 – 913 – 18.1 प्रतिशत
डीडवाना – 4646 – 836 – 18.0 प्रतिशत।