संसद में चर्चा के दौरान कई सांसदों ने भी कहा कि देशभर में युवाओं के सपनों का शिक्षानगरी सीकर जक्शन बन गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ एनडीए व क्लैट सहित डिफेन्स सेक्टर की भर्तियों की भी शिक्षाननगरी मजबूत हब बन गई है। बेहतरीन शिक्षा के माहौल के साथ हर शहरवासी के विद्यार्थियों केअभिभावक बनने की परम्परा होने की वजह से पिछले दो सालों में यहां पढ़ाई के लिए आने वाले विद्यार्थियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है।
एज्युकेशन कॉरिडोर में चाहिए थोड़ी सुविधाएं
शिक्षानगरी सीकर में लगातार विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है। शिक्षानगरी का पढ़ाई का माहौल विद्यार्थियों को काफी रास भी आ रहा है। अब यहां के प्रशासन को विद्यार्थियों की सुविधा के हिसाब से यातायात प्लान से लेकर यूथ हॉस्टल के सपनों को आगे बढ़ाना होगा। शिक्षानगरी में विद्यार्थियों के मनोरंजन के लिए एज्युकेशन कॉरिडोर में पार्क सहित अन्य सुविधाएं विकसित करनी चाहिए। यह है हमारी ताकत…. राजस्थान बोर्ड के हर परिणाम में टॉप राजस्थान बोर्ड के परिणामों में सीकर जिला पिछले 20 सालों से टॉप पर है। इस साल घोषित बोर्ड के परिणामों में सीकर जिले की रैंकिंग में उछाल आया है। परिणाम प्रतिशत की वजह से भी सीकर को शिक्षा मंत्रालय की ग्रेडिंग में काफी अच्छे अंक मिले थे। कक्षा तीन से लेकर आठवीं के विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर की श्रेणी में भी सीकर को पूरे अंक मिले है।
आगे क्या: और बढ़ेगी शिक्षानगरी में विद्यार्थियों की संख्या शिक्षा मंत्रालय की रैंकिंग से हमारे यहां के पढ़ाई के बेहतरीन माहौल और स्तर पर भी मुहर लगाई थी। ऐसे में आगामी समय में शिक्षानगरी में और विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी। इससे यहां के कारोबार की धुरी भी मजबूत होगी। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर नवाचार करने वाले जिलों को प्रोत्साहित करने के लिए मंत्रालय ने रैकिंग देने की पहल की थी।
हमारे एज्युकेशन सिस्टम पर इसलिए दुनिया की मुहर
1. नए जमाने के हिसाब से पढ़ाई: शिक्षानगरी में बेहतर पढ़ाई के माहौल के साथ नए जमाने के साथ पढ़ाई का पैटर्न देशभर के विद्यार्थियों को पसंद आ रहा है। दरअसल, शिक्षानगरी की ज्यादातर स्कूलों में बोर्ड कक्षाओं की पढ़ाई के दौरान ही युवा जिस भी क्षेत्र में कॅरियर बनाना चाहते है उसकी पढ़ाई शुरू कर दी जाती है। इससे यहां के युवाओं का बारहवीं के साथ ही अपने कॅरियर की दिशा में भी आगे बढ़ जाता है। इस वजह से 12 वीं के साथ ही सफलता हासिल करने वाले युवाओं की संख्या शिक्षानगरी में लगातार बढ़ रही है। 2. रोजाना डाउट क्लासेज: शिक्षानगरी की ज्यादातर शिक्षण संस्थाओं में नियमित रुप से डाउट क्लासेज भी लगती है। वहीं टेस्ट सीरिज के साथ अतिरिक्त कक्षाओं का पैटर्न भी विद्यार्थियों को काफी पसंद आ रहा है।