महिमा नेहरा ने बताया कि क्लास व डाउट के अलावा हर दिन घर पर छह घंटे सेल्फ स्टडी की। महिमा का कहना है कि उसने सोशल मीडिया, टीवी, मोबाइल से दूरी बनाए रखी और अपने गुरुजनों पर विश्वास कर तैयारी की। वे अपने जूनियर्स को मैसेज देना चाहती हैं कि पढ़ाई में निरंतरता महत्वपूर्ण है, तभी विद्यार्थी का कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ता है। गोल डिसाइड कर स्टडी करें और फेल्योर से सीखें जिससे आपको कभी किसी भी क्षेत्र में पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ेगा।
पिता बोले सेल्फ मोटिवेट है महिमा- महिमा के पिता बिजेंद्र नेहरा ने बताया कि उनकी बेटी महिमा सेल्फ मोटिवेट है और अभी स्वयं ही ऑनलाइन क्लास लेने के साथ नीट की तैयारी कर रही है। महिमा के 10वीं बोर्ड में 94 प्रतिशत अंक आए थे, इसके बाद उसने और अधिक मेहनत की। महिमा पढ़ाई के साथ ही खेलकूद में भी अव्वल है। यही नहीं वह परिवार का भी ध्यान रखती है। हरसावा गांव के ग्रामीणों व परिवार के लोगों का कहना है कि महिमा ने हमारे गांव का नाम प्रदेशभर में रोशन किया है। साथ ही बेटियों को पढ़ने और आगे बढ़ने का संदेश दिया है।