सीकर में 100 दिनों से धरना जारी
सीकर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भागीरथ मल जाखड़ ने बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने सीकर संभाग और नीमकाथाना जिले की घोषणा की थी, जिसके लिए प्रशासनिक ढांचा भी तैयार हो चुका था। लेकिन 2023 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद इन दोनों को रद्द कर दिया गया। इस फैसले के विरोध में बार एसोसिएशन ने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया, जो पिछले 100 दिनों से जारी है। इस दौरान जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और मुख्यमंत्री तक को मांग पत्र सौंपा गया, लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला।
उग्र आंदोलन की चेतावनी दी
जाखड़ ने चेतावनी दी कि यदि 19 जून के बाद भी सरकार ने मांगें नहीं मानीं, तो आम जनता को साथ लेकर उग्र आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी मांग जायज है। वहीं, आंदोलनकारी संगठनों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग उठा रहे हैं, लेकिन सरकार की अनदेखी उन्हें कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के उदासीन रवैये से आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया गया है। 19 जून को आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सीकर पूरी तरह बंद रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अस्पताल, दवा दुकानें और आपातकालीन सेवाएं बंद से मुक्त रहेंगी। बंद के दौरान बाजार, स्कूल, कॉलेज और अन्य व्यापारिक गतिविधियां ठप रहेंगी।
व्यापारी संगठन भी बंद में शामिल होंगे
गौरतलब है कि सीकर बंद को समर्थन देने वाले संगठनों ने सरकार पर दबाव बढ़ाने की रणनीति बनाई है। नीमकाथाना अभिभाषक संघ ने भी आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि यह मांग क्षेत्र के विकास और प्रशासनिक सुविधा के लिए जरूरी है। व्यापारी संगठनों ने भी बंद में शामिल होने का ऐलान किया है, जिससे बाजारों में सन्नाटा पसरेगा।