बता दें कि इसके लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग और एक निजी फर्म के साथ संपर्क किया गया है। हालांकि, अभी तक सॉफ्टवेयर का निर्माण कौन करेगा, इसका निर्धारण नहीं हुआ है।
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साल 2016 में रिजर्व की बुकिंग को पूरी तरह किया था ऑनलाइन
साल 2016 से पहले तक रणथम्भौर में पार्क भ्रमण की 75 प्रतिशत बुकिंग को एडवांस ऑनलाइन बुक किया जाता था। जबकि 25 प्रतिशत बुकिंग को करंट बुकिंग की प्रक्रिया से किया जाता था। लेकिन 2016 से वन विभाग ने बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए पूरी बुकिंग को ही ऑनलाइन कर दिया। अब इसी तर्ज पर वन विभाग विभागीय रेस्ट हाउस की बुकिंग को भी ऑनलाइन करने की योजना पर कार्य कर रहा है।
क्या कहना है वन अधिकारियों का
वन अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व और अधिकतर अभयारण्यों में वन विभाग के रेस्ट हाउस बने हुए हैं। इसमें वन विभाग के आला अधिकारियों के अलावा पर्यटकों की बुकिंग की जाती है। लेकिन अभी तक वन विभाग के रेस्ट हाउस में केवल ऑफलाइन बुकिंग ही की जाती थी।
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यह होगा लाभ
अब विभाग की ओर से इस प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जा रहा है। ऐसे में पर्यटक एक क्लिक पर ही रेस्ट हाउस में बुकिंग करा सकेंगे। इससे वन विभाग के रेस्ट हाउस में पर्यटकों की आवक और विभाग की आय में भी इजाफा होगा।
इस संबंध में फिलहाल उच्च स्तर पर मंथन किया जा रहा है। जल्द ही इसको लागू करने की योजना है।
-प्रमोद कुमार धाकड़, उपवन संरक्षक (पर्यटन) रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर