जनवरी 2024 में हुई थी शादी
संभल जिले के थाना बनियाठेर की एक गांव निवासी युवती की शादी जनवरी 2024 में जुनावई थाने के एक गांव निवासी युवक से हुई थी। शादी के बाद भी महिला ने अपने रील्स बनाने के शौक को नहीं छोड़ा। वह लगातार इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो अपलोड करती रही।
पति को थी आपत्ति
महिला के पति को यह सब बिल्कुल भी पसंद नहीं था। उसका कहना था कि उसकी पत्नी की रील्स पर गांव के लड़के भद्दे और आपत्तिजनक कमेंट करते हैं। उसे सामाजिक बेइज्जती महसूस होती थी। कई बार समझाने के बाद भी जब पत्नी नहीं मानी तो दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया।
पत्नी ने कहा- पति छोड़ दूंगी पर रील नहीं
झगड़ा इतना बढ़ गया कि पत्नी ने साफ-साफ कह दिया – “तुम्हें छोड़ दूंगी लेकिन रील बनाना नहीं छोड़ूंगी।” वह नाराज़ होकर मायके चली गई और पति व ससुरालियों पर दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाकर पुलिस को तहरीर भी दे दी। मामला अब गंभीर रूप ले चुका था।
मामला पहुंचा परिवार परामर्श केंद्र
पुलिस द्वारा समाधान न निकलने पर यह विवाद परिवार परामर्श सुलह केंद्र पहुंचा। यहां काउंसलर लव मोहन वार्ष्णेय ने दोनों पक्षों को बुलाकर बातचीत की। पति ने बताया कि उसका विरोध सिर्फ रील्स से है, पत्नी की स्वतंत्रता से नहीं। वह समाज की नजरों में पत्नी की छवि को लेकर चिंतित है।
काउंसलिंग ने दिखाया असर, पत्नी ने छोड़ा रील्स का जुनून
काउंसलर ने दोनों को रिश्ते की अहमियत और समाज में सम्मान की भावना को समझाया। काफी बातचीत के बाद पत्नी ने यह स्वीकार किया कि रील्स उसकी वैवाहिक जिंदगी से ज्यादा अहम नहीं हैं। उसने सोशल मीडिया पर रील बनाना छोड़ने का वादा किया।
घर लौटे साथ-साथ, रिश्ते में लौटी मिठास
पति भी पत्नी को अपनाने को तैयार हो गया। दोनों हाथ में हाथ डालकर परिवार परामर्श केंद्र से हंसी-खुशी घर लौटे। अब उनका रिश्ता फिर से पटरी पर आ गया है। यह मामला उदाहरण बन गया है कि कैसे संवाद और समझदारी से रिश्ते को बचाया जा सकता है।