सुबह-सुबह उमड़ा किसानों का हुजूम
केंद्र खुलने से पहले ही लगभग 500 किसान लाइन में लग चुके थे। करीब साढ़े नौ बजे जब केंद्र प्रभारी राजेश चौधरी पहुंचे, तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर किसानों को व्यवस्थित किया और लाइन में खड़ा करवाया। इस दौरान बारिश की बूंदें और मिट्टी की खुशबू एक अलग माहौल बना रही थीं, लेकिन किसानों की प्राथमिकता केवल एक ही थी, समय पर खाद मिल जाए ताकि फसल पर असर न पड़े।
खाद की कमी बनी बड़ी चुनौती
खेतों के लिए खाद की अहमियत हर किसान जानता है, लेकिन मौजूदा कमी ने उनकी चिंताओं को और बढ़ा दिया है। बारिश के मौसम में खेती के कार्य तेजी से होते हैं और ऐसे में खाद की कमी उत्पादन को प्रभावित कर सकती है। इफको केंद्र पर उमड़ी भीड़ ने साफ कर दिया कि यह समस्या जिले में कितनी गंभीर है और समय पर समाधान न मिलने पर इसका असर फसल और किसानों की आर्थिक स्थिति दोनों पर पड़ेगा।
प्रशासन की भूमिका पर टिकी निगाहें
अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन और कृषि विभाग इस भीड़ और बढ़ती मांग को देखते हुए क्या ठोस कदम उठाते हैं। किसानों की उम्मीद है कि जल्द ही खाद की सप्लाई बढ़ाई जाएगी और उन्हें बार-बार लाइन में लगने की मजबूरी से छुटकारा मिलेगा।