संभल को बताया सनातन परंपरा का पवित्र स्थल
मुख्यमंत्री ने कहा कि संभल कोई विवादित स्थल नहीं, बल्कि सनातन परंपरा में वर्णित एक पवित्र स्थान है। उन्होंने हरिहर मंदिर का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां भगवान विष्णु और भगवान शिव का एक साथ पूजन होता है, उसे हरिहर कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु का दसवां अवतार कल्कि संभल में ही होगा।
धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार का संकल्प
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्कंद पुराण में संभल को भगीरथी गंगा और रामगंगा नदियों के बीच स्थित बताया गया है, जिसकी परिधि 36 किलोमीटर है। यहां 68 तीर्थ स्थल, 19 पवित्र कुएं और 284 कोसी परिक्रमा पथ था। विदेशी आक्रमणों और राजनीतिक साजिशों के कारण इन स्थलों को नष्ट करने का प्रयास हुआ। उन्होंने घोषणा की कि उनकी सरकार इन सभी पवित्र स्थलों और मार्गों के पुनरुद्धार के लिए प्रतिबद्ध है, जैसे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण धार्मिक पुनर्जागरण और विकास को साथ लेकर चला।
विपक्ष पर सीधा हमला
सीएम योगी ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि जिनकी राजनीतिक विरासत भारत की सांस्कृतिक सच्चाइयों को नकारने पर टिकी है, उन्हें हिंदू परंपराएं विवादास्पद लगती हैं। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें संभल को दंगा प्रभावित क्षेत्र बनाना और इसकी धार्मिक पहचान मिटाना चाहती हैं, लेकिन वे इसमें सफल नहीं होंगी।
परियोजनाओं का शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने संभल में 659 करोड़ रुपये की 222 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि सच्चा विकास तभी संभव है जब हम अपनी विरासत और संस्कृति से जुड़ें।
स्थानीय विवाद और पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि पिछले वर्ष संभल में शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर को लेकर विवाद हुआ था। अदालत के आदेश पर मस्जिद का सर्वे कराया गया, जिसके दौरान झड़प में पांच लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए थे। इस मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क, मस्जिद समिति के अध्यक्ष जफर अली और 2,750 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था।