आखिरी क्षण में सीओ अनुज चौधरी का नाम सूची में जोड़ा गया। दरअसल, सीओ से एएसपी बनने के लिए 12 साल की सेवा अनिवार्य होती है, जो 2012 बैच में सिर्फ अनुज चौधरी ने पूरी की। खेल के मैदान से पुलिस सेवा तक का सफर तय करने वाले अनुज चौधरी के प्रमोशन के पीछे उनकी सीनियरिटी अहम वजह बनी।
दरअसल, 2012 बैच की भर्ती प्रकिया 2014 में पूरी हुई थी, लेकिन खेल कोटे के तहत अनुज को पहले ही सेवा में मौका मिल गया था। इसी को आधार बनाकर उन्होंने प्रमोशन की मांग की थी। 2 अगस्त को हुई डीपीसी बैठक में 2007 से 2010 बैच के 29 डिप्टी एसपी के नामों पर चर्चा हुई, जिनमें 11 अयोग्य पाए गए। ऐसे में प्रमोशन के लिए अनुज चौधरी का नाम ही योग्य पाया गया और वे सीधे एएसपी बन गए।
इन नामों पर हुई थी चर्चा
यूपी में एडिशनल एसपी के 41 पद रिक्त थे। इसको इसको लेकर 2 अगस्त को पुलिस विभाग में बैठक हुई थी। विभागीय प्रोन्नति समिति (DPC) की बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव एसपी गोयल ने की थी। इसमें डीजीपी राजीव कृष्ण, अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एम. देवराज और गृह विभाग के अधिकारी शामिल थे। इस दौरान 29 डिप्टी एसपी के नामों पर चर्चा हुई थी। अंत में अनुज चौधरी का प्रमोशन देने का फैसला लिया गया।
अनुज चौधरी ने क्या कहा था
अनुज चौधरी संभल हिंसा के बाद सुर्खियों में आए थे। दरअसल, संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा हुई थी। इसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से संभल में सुरक्षा व्यवस्था टाइट कर दी गई थी। 14 मार्च को होली और रमज़ान का दूसरा जुमा भी था। सुरक्षा के मद्दे शांति समिति की बैठक हुई थी। इसके बाद अनुज चौधरी ने कहा था, “जिस प्रकार से मुस्लिम ईद का इंतज़ार करते हैं, उसी तरह हिंदू होली का। साल में एक बार होली का त्योहार आता है, जबकि जुमा साल में 52 बार आता है। यदि किसी को लगता है होली के रंग से उसका धर्म भ्रष्ट होता है तो वह घर से ना निकले। अगर कोई होली के दिन सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करेगा तो बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सीएम योगी ने किया था समर्थन
सीएम योगी ने अनुज चौधरी के इस बयान का समर्थन किया था। कहा था- पहलवान है तो पहलवान की तरह ही बोलेगा। अब अनुज चौधरी को प्रमोशन दिया गया है।