दयाराम सिंह, जो मुरादाबाद जनपद के शंकरपुर गांव (थाना छजलैट) के रहने वाले हैं, वर्तमान में असमोली ब्लॉक में सफाई कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं। बुधवार शाम वे अपने भाई रामोतार के साथ बाइक पर सवार होकर बैठक से लौट रहे थे। शाम लगभग 6:30 बजे जैसे ही उनकी बाइक चौधरी सराय चौराहे के पास पहुंची, हवा में लटक रहे प्रतिबंधित चाइनीज़ मांझे ने अचानक उनकी गर्दन को काट दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मांझे की धार इतनी तेज थी कि दयाराम की गर्दन की दो नसें कट गईं। घटना होते ही उनके भाई रामोतार ने बाइक को रोका और तुरंत गंभीर रूप से घायल दयाराम को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों का कहना है कि यदि इलाज में कुछ ही मिनट की देरी होती, तो उनकी जान जाना तय था। फिलहाल दयाराम की हालत स्थिर बताई जा रही है।
क्यों है चाइनीज़ मांझा जानलेवा?
चाइनीज़ मांझा, जिसे ‘नायलॉन कोटेड ग्लास मांझा’ भी कहा जाता है पर प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से बेचा और इस्तेमाल किया जा रहा है। यह मांझा न सिर्फ इंसानों के लिए खतरनाक है, बल्कि पक्षियों और जानवरों के लिए भी जानलेवा साबित हो चुका है। बावजूद इसके, प्रशासनिक सख्ती में ढिलाई की वजह से हादसे थम नहीं रहे।
प्रशासन के लिए बड़ा सवाल
यह हादसा न सिर्फ इंसानियत को झकझोरने वाला है, बल्कि प्रशासनिक जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े करता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संभावित दौरे के मद्देनज़र तैयारियों का जायजा लेने जा रहे कर्मचारियों की सुरक्षा यदि इस स्तर पर खतरे में है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की कल्पना की जा सकती है।
स्थानीय लोगों की मांग
स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन को प्रतिबंधित चाइनीज़ मांझे की बिक्री और उपयोग पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। बाजारों में खुलेआम बिक रहे इन जानलेवा मांझों पर नकेल कसना समय की मांग है। साथ ही, हर साल स्वतंत्रता दिवस और मकर संक्रांति जैसे मौकों पर इस तरह की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिन पर समय रहते रोक लगाना जरूरी है।