तिथि और शुभ मुहूर्त (Hartalika teej shubh muhurat)
- तृतीया तिथि प्रारंभ: 25 अगस्त, दोपहर 12:34 बजे
- तृतीया तिथि समाप्ति: 26 अगस्त, दोपहर 1:54 बजे
- उदया तिथि के अनुसार पर्व: मंगलवार, 26 अगस्त 2025
- इस दिन गौरी-शंकर पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय प्रातःकाल से लेकर दोपहर तक रहेगा। भक्त अपनी सुविधा अनुसार शुभ मुहूर्त में पूजन कर सकते हैं।
हरतालिका तीज पूजा विधि (Hartalika teej 2025 puja vidhi)
- व्रत रखने वाली महिलाएं प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ और पारंपरिक वस्त्र धारण करें। इस दिन लाल, हरे या पीले रंग के कपड़े विशेष शुभ माने जाते हैं।
घर के पूजा स्थान या किसी खुले मंडप में चौकी पर स्वच्छ कपड़ा बिछाएं। उस पर मिट्टी से निर्मित माता पार्वती, भगवान शिव और श्रीगणेश जी की प्रतिमाएं स्थापित करें।
सबसे पहले गणेश जी का पूजन करें, क्योंकि हर मंगल कार्य में उनका आह्वान अनिवार्य है।
इसके बाद गौरी-शंकर की पूजा विधिपूर्वक करें।
मां गौरी को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं (जैसे- बिंदी, चूड़ी, सिंदूर, मेहंदी, बिछिया, कंगन आदि) अर्पित करें।
पूजा के दौरान हरतालिका तीज व्रत कथा का श्रवण अवश्य करें।व्रती महिलाएं “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ पार्वत्यै नमः” मंत्र का जप कर सकती हैं। यह साधना वैवाहिक जीवन में सौहार्द और स्थिरता लाती है।
हरतालिका तीज की कहानी
हरतालिका तीज शब्द “हरित” और “आलिका” से मिलकर बना है। “हरित” शब्द का अर्थ है अपहरण और “आलिका” शब्द का अर्थ है सखी। मान्यता के अनुसार, हरतालिका तीज को मनाने की कथा माता पार्वती से जुड़ी है। जब वे भगवान शिव को पाने के लिए हर प्रयास कर रही थीं, तब उनकी सहेलियां उन्हें घने जंगल में ले गईं थीं, ताकि उनके पिता उनकी इच्छा के विरुद्ध उनका विवाह भगवान विष्णु से न कर दें।