इस पर्व का सीधा संबंध भगवान शिव से भी है, क्योंकि वे सर्पों को अपने आभूषण के रूप में धारण करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, नाग पंचमी पर 7 प्रमुख नागों की पूजा का विधान है। आइए जानते हैं कौन हैं ये सात नाग और इनकी पूजा से क्या फल प्राप्त होता है।
Nag Panchami Puja: नाग पंचमी पर इन 7 नागों की करें पूजा
शेषनाग
शेषनाग को पाताल लोक का राजा माना गया है। मान्यता है कि इन्हीं के फन पर पृथ्वी टिकी हुई है। ये भगवान विष्णु की सेवा में रहते हैं, और इनका पूजन जीवन में संतुलन और स्थिरता लाता है।
वासुकि नाग
वासुकि नाग समुद्र मंथन में मंथनी की रस्सी बने थे और भगवान शिव के गले में विराजमान हैं। इनकी पूजा से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और शिव कृपा बनी रहती है।
तक्षक नाग
महाभारत काल में तक्षक नाग ने राजा परीक्षित को डंसा था। इन्हीं की घटना से नाग पंचमी की परंपरा जुड़ी हुई है। तक्षक की पूजा से जीवन के बड़े संकट और आकस्मिक घटनाओं से बचाव होता है।
कर्कोटक नाग
कर्कोटक नाग भगवान शिव के गण माने जाते हैं। इनकी पूजा से रोग और शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है। शिव भक्ति में स्थिरता आती है। पद्म नाग
पद्म नागों का संबंध गोमती नदी के तट से बताया गया है। इन्हें वंश विस्तार और परिवार की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इनकी पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
कुलिक नाग
कुलिक नाग का संबंध ब्रह्मा जी से बताया गया है। इनकी पूजा से ज्ञान, बुद्धि और ब्राह्मणिक गुणों की प्राप्ति होती है। शंख नाग
शंख नाग को अत्यंत बुद्धिमान माना गया है। इनकी पूजा से व्यक्ति में विवेक, निर्णय लेने की क्षमता और मानसिक संतुलन बढ़ता है।
सावन में नाग क्यों प्रिय होते हैं?
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है, और नाग उनके आभूषण हैं। इस माह में वर्षा के कारण सर्प अपने बिलों से बाहर निकलते हैं, जिससे उनके दर्शन और पूजा का विशेष महत्व बढ़ जाता है। नाग पंचमी पर पूजा करने से सर्प दोष से मुक्ति, घर में सुख-शांति और शिव कृपा प्राप्त होती है। माना जाता है कि अगर सावन में बार-बार सांप दिखे, तो यह शिव की विशेष कृपा का संकेत हो सकता है। नाग पंचमी पर क्या करें?
- दूध, चावल, दूर्वा और फूल से नागों की पूजा करें।
- नाग चित्र पर हल्दी-कुमकुम लगाएं।
- सर्प देवता से भय निवारण, सुख-शांति और समृद्धि की कामना करें।
- इस दिन सर्पों को मारना या उन्हें कोई नुकसान पहुँचाना अशुभ माना जाता है।