कान्हा के जन्म का पर्व श्री कृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त को ही मनाना श्रेष्ठ रहेगा। कुछ लोग कह रहे हैं कि यह पर्व 15 अगस्त को मानना चाहिए। इस संशय के बीच राजस्थान पत्रिका ने शहर के विद्वान पंडितों से बात की। इनका कहना है कि कान्हां के जन्म की तिथि 15 अगस्त की रात 11 बजकर 49 मिनट से शुरू हो रही है और इसकी समाप्ति 16 अगस्त की रात 9 बजकर 34 मिनट पर होगी।
उदया तिथि में ही जन्माष्टमी मनाई जाएगी। उपवास भी 16 अगस्त का रहेगा। धार्मिक मान्यताओं अनुसार श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आधी रात में रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस बार अष्टमी तिथि 15 अगस्त को रात्रि 11:50 बजे आ रही है और अष्टमी तिथि 16 अगस्त की रात्रि 9:34 तक रहेगी।
गोगा नवमी 17 अगस्त को
धार्मिक व्रत पर्व के अनुसार उद्यत तिथि को लिया जाता है अत: पूरे दिन सूर्योदय से 16 अगस्त शनिवार को ही अष्टमी तिथि उदय हो रही है। इस दिन जन्माष्टमी मनाई जाएगी। गोगा नवमी 17 अगस्त को मनाई जाएगी। कृष्ण जन्माष्टमी पर इस बार रोहिणी नक्षत्र नहीं है। इसी प्रकार पंडित कृष्णकांत शास्त्री का कहना है कि भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस बार उदयातिथि के अनुसार 16 अगस्त को ही कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।