इस षड्यंत्र में मृतक की ही पत्नी प्रमोद कुंवर भी शामिल पाई गई है, जिसे पुलिस ने 2 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि 24 जून 2025 को प्रार्थी खेम सिंह राजपूत निवासी खाखरमाला थाना आमेट ने रिपोर्ट दी कि उसका भतीजा शेर सिंह सुबह 10 बजे बैग में कपड़े लेकर बाड़मेर के लिए निकला था। प्रतापपुरा पुलिया के पास अज्ञात इको स्पोर्ट्स कार में सवार बदमाशों ने धारदार हथियार से उस पर हमला कर हत्या कर दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस कार्रवाई में एक-एक कर आरोपी गिरफ्तार
25 जून 2025: शौकीन कुमार, दुर्गा प्रसाद को कारुंडा छोटी सादड़ी से गिरफ्तार।
30 जून 2025: मुख्य आरोपी राम सिंह निवासी गोदेला, जिला उदयपुर को माउंट आबू से गिरफ्तार।
2 जुलाई 2025: हत्या की मुख्य साजिशकर्ता और मृतक की पत्नी प्रमोद कुंवर को गिरफ्तार किया गया।
मामले में सामने आ सकते हैं चौंकाने वाले तथ्य
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अब इस पूरे मामले में प्रमोद कुंवर की भूमिका, बैंक लेन-देन, कॉल रिकॉर्ड, गाड़ी मालिक की संलिप्तता तथा संभावित डिजिटल साक्ष्यों की बारीकी से जांच की जा रही है। आरोपियों से पूछताछ में और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आने की संभावना जताई गई है।
पति को मार दिया, अब हम एक हैं… बच्चों को अनाथ बनाने के लिए मां ने ही दी सुपारी, हिला देगी कत्ल की यह साजिश
पति-पत्नी के रिश्ते में दरार
साल 2018 के बाद राम सिंह का प्रमोद के पास लगातार आना-जाना शुरू हुआ। शेर सिंह को आपत्ति होने पर दोनों में झगड़े और मारपीट बढ़ गई। प्रमोद कुंवर ने बताया कि राम सिंह उसका खर्च उठा सकता है, इसलिए वह शेर सिंह को छोड़ना चाहती है।
इस बीच प्रमोद और राम सिंह साथ रहने लगे और 2021 में प्रमोद कुंवर को दूसरी संतान भी हुई। जब प्रमोद शेर सिंह के साथ खाखरमाला लौटी, तब भी राम सिंह का उसके यहां आना-जाना लगा रहा। इसके चलते घर में रोज झगड़े होने लगे थे। शेर सिंह की पत्नी भी राम सिंह के साथ जीवन बिताना चाहती थी, लेकिन शेर सिंह उसे तलाक नहीं दे रहा था।
पत्नी और प्रेमी की साजिश
घटना से पूर्व: 21 जून 2025 को झगड़े के बाद प्रमोद कुंवर ने राम सिंह से फोन पर बात कर शेर सिंह को रोड एक्सीडेंट में खत्म करने की साजिश रची। राम सिंह ने इस काम के लिए अपने पूर्व सहयोगी शौकीन कुमार भील निवासी कारुंडा थाना छोटी सादड़ी जिला प्रतापगढ़ से संपर्क किया और साजिश समझाई। शौकीन ने अपने साथी दुर्गा प्रसाद मेघवाल निवासी कारुंडा को भी इस साजिश में शामिल किया।
इस तरह की तैयारी: तीनों ने एमपी पासिंग स्पोर्ट्स कार किराए पर ली। वाहन के लिए 6 हजार रुपये में सौदा किया गया। किराया शौकीन ने अदा किया। प्रमोद कुंवर ने खर्चे के लिए 38 हजार रुपए राम सिंह के खाते में ट्रांसफर किए। 600 रुपये में एक धारदार कुंट (हथियार) खरीदा गया।
हत्या की क्रूर वारदात: प्रतापपुरा पुलिया पर मौत
24 जून 2025 को साजिश के तहत शेर सिंह बाड़मेर जाने के लिए निकला। उसकी पत्नी ने राम सिंह को उसकी लोकेशन दी और बताया कि वह उसे राजीविका कार्यालय छोड़ने जा रहा है। तीनों आरोपी पीछे-पीछे उसकी निगरानी करते रहे। सरदारगढ़ रोड पर सुनसान प्रतापपुरा पुलिया को चुना गया।
पुलिया पर शौकीन ने शेर सिंह की बाइक को पीछे से टक्कर मारी। बाइक गिरते ही राम सिंह ने धारदार हथियार से शेर सिंह पर हमला किया। शेर सिंह ने खुद को बचाने की कोशिश की, लेकिन राम सिंह ने उसकी गर्दन, सीना और सिर पर ताबड़तोड़ वार किए। गर्दन कटने से शेर सिंह की मौके पर ही मौत हो गई।
गौरव टावर से रेस्टोरेंट मालिक का अपहरण, 5 देशों के बड़ी सुरक्षा एजेंसियों की मिली फेक आईडी, 3 करोड़ की डिमांड
मामले का खुलासा करने में ये टीम रही शामिल
थाना कांकरोली से हंसराम सिरवी पुलिस निरीक्षक, ओम सिंह सहायक उपनिरीक्षक, निर्भय सिंह सहायक उप निरीक्षक, महेंद्र सिंह हेड कांस्टेबल, वीरेंद्र सिंह हेड कांस्टेबल, नरेश कुमार हेड कांस्टेबल, सीता हेड कांस्टेबल, यशवंतनाथ कांस्टेबल, हिमत सिंह कांस्टेबल, रोशनलाल कांस्टेबल, थानाराम कांस्टेबल, नरेंद्र वसीटा कांस्टेबल, राजेंद्र सिंह कांस्टेबल, मूलचंद कांस्टेबल, साइबर सेल टीम से शंभुप्रताप सिंह हेड कांस्टेबल, इंद्र कुमार कांस्टेबल, ओमप्रकाश कांस्टेबल, बुदवराम कांस्टेबल हत्या का खुलासा करने वाली टीम में शामिल थे।
वारदात के बाद आरोपी का ‘शुद्धिकरण’
हत्या के बाद तीनों आरोपी सरदारगढ़ से होकर मातृकुंडिया पहुंचे। वहां घाट पर स्नान किया और खून से सने कपड़े साफ किए। गाड़ी भी धोई गई और फिर जोगणिया माता मंदिर दर्शन के लिए निकले। गाड़ी मालिक कालू सिंह हाड़ा, जिसे असल योजना की जानकारी नहीं थी, को भी वापस ले जाया गया।
मामले का खुलासा करते हुए कांकरोली थाना के थानाधिकारी हंसाराम सिरवी ने बताया कि जांच के अनुसार, आरोपी राम सिंह निवासी गोदेला थाना घासा जिला उदयपुर का शेर सिंह की पत्नी प्रमोद कुंवर से वर्षों पुराना प्रेम संबंध था। प्रमोद कुंवर और राम सिंह स्कूली समय से एक-दूसरे से प्रेम करते थे।
प्रेम-प्रसंग के दौरान प्रमोद कुंवर गर्भवती हो गई और घर वालों ने राम सिंह को घर से निकाल दिया। इसके बाद प्रमोद को देसूरी स्थित पीहर भेजा गया और फिर उसे खींवाजी (सुमेरपुर, पाली) में शेर सिंह की बहन के पास भेजा गया। 19 जुलाई 2013 को शेर सिंह से उसकी शादी करवा दी गई। विवाह के बाद प्रमोद कुंवर और शेर सिंह कुछ समय के लिए मद्रास चले गए, जिस समय शेर सिंह की शादी हुई वह बस में परिचालक का काम करता था।